जमानत मिलने के बाद जेल से कब बाहर आएंगे आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम? वकील ने दिया जवाब
सिविल लाइंस थाने में 9 मई 2020 को लखनऊ के पीरपुर हाउस निवासी सैयद आफाक अहमद और अज्ञात के खिलाफ आईपीसी की धारा 218, 420, 467, 468 और 471 के तहत मुकदमा दर्ज कराया था.

UP News: हरदोई जेल में बंद समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम की जमानत अर्जी पर रामपुर कोर्ट ने मंगलवार को अपना फैसला सुनते हुए उनकी जमानत याचिका को मंजूर कर लिया है. अब अब्दुल्लाह आजम जेल से बाहर आ जायेंगे हालांकि उनके पिता आजम खान अभी सीतापुर जेल में ही रहेंगे. अब्दुल्ला आजम पर आरोप था कि उन्होंने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर अपराध को अंजाम दिया है.
कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जमानत पर अपना फैसला सुना दिया. कुछ माह पहले शत्रु संपत्ति को खुर्द-बुर्द करने के आरोप से घिरे सपा नेता आजम खान और अब्दुल्ला आजम को रामपुर पुलिस ने क्लीन चिट दे दी थी. जिस पर यह मामला शासन तक पहुंचा था. इसके बाद इस मामले में शासन ने तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अशोक शुक्ल के खिलाफ जांच बैठा दी गई थी. दोबारा विवेचना के आदेश दिए गए थे. एसपी ने विवेचना अपराध शाखा के इंस्पेक्टर नवाब सिंह को सौंपी थी, नवाब सिंह इस वक्त रामपुर में शहर कोतवाल हैं.
क्या है मामला
इस मामले में पिता-पुत्र को कोर्ट में आरोपी बनाया गया था. रिकार्ड रूम के सहायक अभिलेखपाल मोहम्मद फरीद की ओर से सिविल लाइंस थाने में 9 मई 2020 को लखनऊ के पीरपुर हाउस निवासी सैयद आफाक अहमद और अज्ञात के खिलाफ आईपीसी की धारा 218, 420, 467, 468 और 471 के तहत मुकदमा दर्ज कराया था. जिसमें शत्रु संपत्ति को खुर्द-बुर्द करने का आरोप है.
दरअसल, यह मामला मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी परिसर के अंतर्गत आने वाली भूमि का है, जो कि इमामुद्दीन कुरैशी पुत्र बदरुद्दीन कुरैशी के नाम दर्ज थी. इमामुद्दीन कुरैशी 1947- 48 में भारत छोड़कर पाकिस्तान चले गए थे और यह संपत्ति शत्रु संपत्ति के रूप में सन 2006 में भारत सरकार के कस्टोडियन विभाग के अंतर्गत दर्ज कर ली गई थी. रिकॉर्ड की जांच करने पर यह मामला प्रकाश में आया कि राजस्व विभाग के रिकॉर्ड में जालसाजी कर शत्रु संपत्ति को खुर्द-बुर्द करने के लिए आफाक अहमद का नाम गलत तरीके से राजस्व रिकॉर्ड में अंकित कर दिया गया था और रिकॉर्ड के पन्ने फटे हुए पाए गए थे.
क्या बोले वकील
सीतापुर जेल में बंद सपा नेता आजम खान ने पिछले दिनों एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल की थी, लेकिन उनके द्वारा जमानत याचिका वापस ले ली गई है. आज कोर्ट ने हरदोई जेल में बंद अब्दुल्लाह आजम को जमानत दे दी है, अब वह जेल से बाहर आ जायेगे. इस संबंध में आजम खान के अधिवक्ता जुबैर खान ने बताया कि स्पेशल मजिस्ट्रेट एमपी-एमएलए कोर्ट रामपुर ने आज अब्दुल्ला आजम खान को जो 2020 का जो मुकदमा था एफआईआर थी. क्राइम नंबर 126 उसने उनको जमानत दे दी है. रेगुलर बेल उनको दे दी है.
उन्होंने कहा कि इस केस के अंदर 2020 में एफआईआर दर्ज हुई थी और 2023 में चार्जशीट फाइल हुई थी फिर फर्दर इन्वेस्टीगेशन करके अब्दुल्ला आजम खान और मोहम्मद आजम साहब को ज्युडिशल कस्टडी में लेने की प्रार्थना की गई थी, वो इस केस में जुडिशियल कस्टडी में थे. इस केस में भी अब्दुल्ला आजम खान साहब और आजम खान के खिलाफ पहले ही चार्जशीट फाइल हो चुकी है और वह 4 महीने से इस केस में अन्दर थे, आज माननीय न्यायालय ने उनको जमानत दे दी है.
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कब आएंगे बाहर
वकील ने कहा कि इस केस में यह मैटर शत्रु संपत्ति से रिलेटेड जो रिकॉर्ड है उसमें एंट्री ,फॉल्स एंट्री के सिलसिले में था। जो अभिलेखागार का रिकार्ड है उनका कहना यह है के उसमें कुछ कागज़ फटे हुए हैं कुछ एंट्री फॉल्स और फेक हैं. इस मामले में बहुत से लोग नामित थे जिसमें आजम खान, अब्दुल्लाह आजम और ट्रस्ट के अन्य लोग भी थे, इस केस में अभी अब्दुल्लाह आजम की जमानत हुई है.
उन्होंने कहा कि अब्दुल्लाह आजम खान की तमाम मैटर्स में बेल हो चुकी है. ऑनरेबल सुप्रीम कोर्ट ने भी हाल ही में उनको मशीन वाले केस में जमानत दे दी थी, हमारी नजर में एक यही मुकदमा बचा था जिसमें बेल नहीं हुई थी उसमें भी बेल हो गई है और जो श्योरिटी बॉन्ड्स फाइल हो जाने के बाद हमारी नजर में वह बाहर आ जाएंगे.
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