UP News: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के दिग्गज नेता आमज खान (Azam Khan) की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही है. आजम खान और उनके विधायक बेटे अब्दुल्ला आजम (Abdullah) को को 2-2 साल की सजा हुई है. साल 2008 के छजलैट केस में दोषी करार दिए जाने के बाद मुरादाबाद (Muradabad) की स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट (MP-MLA Court) ने सजा सुनाई है. इसके बाद अब अब्दुल्ला आजम की सदस्यता रद्द होने की संभावना है.


दरअसल, पिछले साल हेट स्पीच केस में तीन साल की सजा होने के बाद आजम खान की विधायक की सदस्यता रद्द हुई थी. जिसके बाद रामपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुआ, जिसमें सपा की हार हुई. अब स्वार विधानसभा सीट से विधायक और आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम की विधायकी जा सकती है. खास बात ये है कि नियमों के अनुसार अगर दो साल या इससे ज्यादा की सजा होती है, तो विधायक या सांसद की सदस्यता चली जाती है. ऐसे में अब्दुल्ला आजम की सदस्यता रद्द होने की संभावना है.


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क्या है मामला?
सपा नेता के खिलाफ साल 2008 में मुरादाबाद के छजलैट में सड़क जाम कर सरकारी कार्य मे बाधा डालने का आरोप था. मुरादाबाद के छजलैट में पुलिस ने 29 जनवरी 2008 को सपा नेता को कार की चेकिंग के लिए रोका था. इस दौरान गुस्सा होकर सपा नेता आजम खान सड़क पर बैठ गए थे. वहीं आजम खान और उनके साथियों पर सड़क जाम करने और सरकारी कार्य में बाधा डालने, भीड़ को उकसाने आरोप लगाते हुए केस दर्ज हुआ था.


तब मुरादाबाद के छाजलैट थाने में दर्ज हुए इस केस में आजम खान और अब्दुल्लाह खान सहित 9 सपा नेता आरोपी थे. अब इस केस में कोर्ट ने सोमवार को अपना फैसला सुनाया है. हालांकि कोर्ट ने इस मामले की सुनावई करते हुए आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला खान को दोषी करार दिया है. जबकि बाकी लोगों को निर्दोष करार दिया है. इस केस में अमरोहा के सपा विधायक महबूब अली और पूर्व सपा विधायक हाजी इकराम कुरैशी भी आरोपी थे.