लखनऊ: प्रतापगढ़ में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद सीएन सिंह अब इस दुनिया में नहीं रहे. पूर्व सांसद सी एन सिंह का इलाज लखनऊ के डॉक्टर राम मनोहर लोहिया अस्पताल में चल रहा था. उन्हें लीवर की समस्या थी और पिछले काफी दिनों से लखनऊ के लोहिया अस्पताल में भर्ती थे. उनके निधन पर समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष छविनाथ यादव और पूर्व मंत्री शिवकांत ओझा सहित बीजेपी के कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह ने गहरा दुख व्यक्त किया है.


सीएन सिंह बेहद सरल और मिलनसार नेता के रूप में अपनी छवि जनमानस में स्थापित करने सफल नेताओं में से एक रहे. आम जन अगर उनसे मदद मांगने जाता तो वो खुद अपने हाथ से उस फरियादी का सम्बंधित विभाग व अधिकारियों को प्रार्थना पत्र लिखकर उसके साथ जाते थे. स्वर्गीय सीएन सिंह की इन्हीं खूबियों के कारण वो जनता के बीच ज्यादा लोकप्रिय थे. उनके निधन से प्रतापगढ़ में आम जन में शोक की लहर दौड़ गयी है.


सीएन सिंह का राजनीतिक सफर
सी एन सिंह ने अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत प्रतापगढ़ सदर सीट से शुरू किए थे. पहले विधायक बने. सी एन सिंह समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव और अमर सिंह के बेहद करीबी थे. इन्हीं सम्बन्धों की वजह से महज 2 सालों में ही विधायक से मोह भंग हो गया और मछली शहर से साल 2000 में सपा के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीतकर सांसद बन गए.


कम समय में उन्हें विधायक और सांसद बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ. सी एन सिंह जब मछलीशहर सांसद थे तब वहां की सीट सामान्य सीट हुआ करती थी और प्रतापगढ़ की पट्टी और बीरापुर विधानसभा मछली शहर का हिस्सा हुआ करती थी. मछली शहर की जनता डॉक्टर राम विलास वेदांती और चिन्मयानंद से ऊब चुकी थी वो ना तो जनता के बीच जाते थे और उनसे मिलते थे साथ ही बाहरी होने का दाग अलग लगा रहता था जिसका लाभ उठाते हुए साल 2000 में सीएन सिंह सांसद निर्वाचित हुए.


प्रतापगढ़ सदर उप चुनाव में सी एन सिंह अपनी धर्मपत्नी श्रीमती उषा सिंह को समाजवादी पार्टी से टिकट दिलाने में सफल हो गए थे फिर भी उनकी पत्नी चुनाव हार गयीं. सी एन सिंह प्रतापगढ़ शहर में ही रहते थे और जब वो अपने शहर के निवास में मौजूद होते थे. तब इतनी ज्यादा भीड़ हो जाती थी कि प्रतापगढ़ के लोग ये समझ जाते थे कि सी एन सिंह प्रतापगढ़ में हैं.


जब सपा छोड़ बसपा में चल गए थे सीएन सिंह...
एक समय था कि सी एन सिंह और उनके अभिन्न मित्र स्वर्गीय अमर सिंह अखबारों की सुर्खियों में रहते थे. कुछ मनमुटाव के चलते सीएन सिंह ने सपा छोड़ दी और बसपा में चले गए. जब अमर सिंह ने सपा छोड़ दी तो सीएन सिंह दोबारा बसपा छोड़ सपा में लौट आए. प्रतापगढ़ के इस लोकप्रिय नेता का कुछ ऐसा व्यक्तित्व था कि सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव से अच्छे संबंध होने के साथ-साथ पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से भी बहुत अच्छे संबंध थे.


सीएन सिंह के निधन पर प्रतापगढ़ के राजनीतिक गलियारे में शोक की लहर है और आम जनता में गहरा दुख. विधायक और सांसद बनने के बाद भी सीएन सिंह के अंदर जो जनता को न्याय दिलाने और जनता में घुलमिल जाने की अद्भुत क्षमता थी उसे प्रतापगढ़ की जनता कभी नहीं भूल पाएगी.


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