Former MLA Aslam Chaudhary: समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व विधायक असलम चौधरी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. 2022 से एमपी-एमएलए कोर्ट में केस चल रहा था. असलम चौधरी 2022 के समय बसपा का नेता था. रविवार (25 अगस्त) को कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया. पुलिस ने उन्हें रंगदारी मांगने के मामले में गिरफ्तार किया है. 


गाजियाबाद पुलिस ने बसपा के पूर्व विधायक असलम चौधरी को गिरफ्तार किया है. आरोप है कि 7 सितंबर 2022 को असलम चौधरी ने अपने साथियों के साथ फर्जी एग्रीमेंट के जरिए करोड़ों की जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की थी. जमीन के मालिक आदिल रजा से इस कब्जे को छोड़ने के बदले 2 करोड़ रुपये की मांग की गई थी. 3 सितंबर 2023 को पुलिस कमिश्नर ने मामले का संज्ञान लेकर रिपोर्ट दर्ज करवाई, जिसके आधार पर पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की और कोर्ट ने असलम चौधरी व उनके साथियों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया.


रंगदारी के मामले में पूर्व विधायक गिरफ्तार 


गाजियाबाद के एमपी एमएलए कोर्ट ने दो करोड़ की रंगदारी मांगने के मामले में बसपा के पूर्व विधायक असलम चौधरी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था. दो करोड़ रुपये रंगदारी मांगने के आरोपी बसपा के पूर्व विधायक असलम चौधरी, सहयोगी जुनेद टाटा और जुबेर टाटा के खिलाफ अदालत ने गैर जमानती वारंट जारी किया था इस मामले में अगली सुनवाई के लिए एमपी/एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश अरणव त्रिपाठी ने पुलिस पुजारी चान के बाद से फरार आयुक्त को पत्र लिखकर वारंट तामील कराने को कहा है.


असल चौधरी ने किया था जमीन पर कब्जा करने का प्रयास


पूर्व विधायक असलम चौधरी ने 12 बीघे जमीन का र्जी एग्रीमेंट बनाकर वाद दाखिल किया था. सात जुलाई 2022 को असलम चौधरी अपने बेटे शाहनवाज और तीन साथियों के साथ भूखंड पर पहुंचकर जमीन पर कब्जा करने का प्रयास किया था. सूचना मिलने पर आदिल राजा ने अपने परिवार के लोगों के साथ मौके पर पहुंचकर विरोध किया. आरोप है कि इसके बाद असलम चौधरी और उसके बेटे शाहनवाज ने आदिल राजा और परिवार के लोगों को धमकी देते हुए दो करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी. इसके साथ ही जान से मारने की धमकी भी दी थी. पुलिस के आने से पहले ही विधायक असलम चौधरी अपने साथियों सहित मौके से फरार हो गए था. पूरा घटनाक्रम सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया था. पुलिस आयुक्त के हस्तक्षेप पर पुलिस ने तीन सितंबर 2023 को मामले में रिपोर्ट दर्ज की थी.


वारंट जारी होने के बाद भी कोर्ट में नहीं हुए थे हाजिर 


घटना की जांच के बाद पुलिस ने आरोप पत्र अदालत में दाखिल कर दिया था. मामला एमपी एमएलए कोर्ट में विचाराधीन है. समन और वारंट जारी किए जाने के बावजूद भी असलम चौधरी और उसके दोनों साथी अदालत में हाजिर नहीं हुए. शुक्रवार को अदालत ने मामले की सुनवाई के दौरान पूर्व विधायक असलम चौधरी उसके सहयोगी जुनैद टाटा और जुबेर टाटा के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया.


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