'गिर चुका हाथी अब...', अखिलेश यादव और मायावती के गठबंधन विवाद पर सपा नेता का बड़ा दावा
UP News: समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने हाल ही में सपा-बसपा के गठबंधन टूटने को लेकर कहा था कि जिस समय गठबंधन टूटा, उस समय मैं आजमगढ़ में एक सभा में मंच पर था.
Akhilesh Yadav and Mayawati Alliance Dispute: समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का साल 2019 लोकसभा चुनाव के बाद गठबंधन टूटने के मामले पर बसपा सुप्रीमो मायावती और अखिलेश यादव के बीच आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गया है. इसी बीच सपा नेता आईपी सिंह ने एक बड़ा दावा करते हुए कहा कि गिर चुका हाथी सहारा ढूढ रहा है.
सपा नेता आईपी सिंह ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा-"गिर चुका हाथी सहारा ढूढ रहा है जिसके सहारे फिर से अपने पैरों पर खड़ा हो सके. 2022 और 2024 में स्वर्णिम अवसर था जिसे खो दिया." यह पूरा मामला अखिलेश यादव के एक बयान के बाद शुरू हुआ, जिसके बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी सफाई दी थी.
गिर चुका हाथी सहारा ढूढ़ रहा है जिसके सहारे फिर से अपने पैरों पर खड़ा हो सके।
— I.P. Singh (@IPSinghSp) September 14, 2024
2022 और 2024 में स्वर्णिम अवसर था जिसे खो दिया।
बता दें कि सपा मुखिया अखिलेश यादव ने हाल ही में सपा-बसपा के गठबंधन टूटन को लेकर कहा था कि जिस समय गठबंधन टूटा, उस समय मैं आजमगढ़ में एक सभा में मंच पर था. इस दौरान सपा-बसपा के कार्यकर्ता और नेता वहां मौजूद थे. किसी को नहीं पता था कि गठबंधन टूटने जा रहा है. मैंने खुद फोन मिलाया था, यह पूछने के लिये कि आखिरकार यह गठबंधन क्यों तोड़ा जा रहा है, क्योंकि प्रेस वाले जनसभा के बाद मुझसे पूछेंगे तो उन्हें मैं जवाब क्या दूंगा?"
मायावती ने भी दी सफाई
वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन टूटने के बारे बताते हुए कहा- "भारतीय जनता पार्टी को सत्ता से दूर रखने के लिये वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा और बसपा ने गठबंधन करके चुनाव लड़ा. लेकिन इस आम चुनाव के नतीजों में बसपा को 10 व सपा को पांच सीट पर जीत मिली. इससे दुखी होकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बसपा प्रमुख व पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं की ओर से किये गए टेलीफोन कॉल को उठाना बंद कर दिया. जिसकी वजह से पार्टी को अपने स्वाभिमान को बरकरार रखते हुय सपा से अलग होना पड़ा."
(पीटीआई भाषा इनपुट के साथ)
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