UP News: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) सोशल मीडिया कॉर्डिनेटर मनीष जगन अग्रवाल (Manish Jagan Agarwal) के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है. सपा नेता के खिलाफ प्रयागराज के शिवकुटी थाने में नामजद मुकदमा दर्ज हुआ है. मनीष जगन अग्रवाल के खिलाफ आईपीसी की धारा 354बी, 507, 509 और आईटी एक्ट की धारा 67 के खिलाफ केस दर्ज हुआ है.


सपा नेता मनीष जगन अग्रवाल पर पार्टी से निष्कासित महिला नेता डॉक्टर ऋचा सिंह के खिलाफ अमर्यादित बयानबाजी के मामले में केस दर्ज हुआ है. अब केस दर्ज होने के बाद मनीष जगन पर फिर से गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है. बता दें कि इससे पहले जनवरी महीने में मनीष जगन अग्रवाल की गिरफ्तारी होने पर सपा मुखिया अखिलेश यादव उसे छुड़ाने के लिए लखनऊ में डीजीपी आफिस पहुंच गए थे.


वहीं अब ऋचा सिंह ने अपनी एफआईआर में बताया है कि उन्हें मनीष जगन से जान का भी खतरा है. सपा नेता मनीष जगन ने अलग-अलग ट्वीट कर ऋचा सिंह के लिए अभद्र टिप्पणियां की थी. इसके अलावा उनके खिलाफ अमर्यादित व घटिया शब्दों का इस्तेमाल किया. मनीष जगन अग्रवाल ने ट्वीट करते हुए ऋचा को वैशाली की नगरवधू जैसे अपमानजनक शब्द लिखे थे. उन्होंने लिखा था कि ऐसी नगरवधुओं को गांव गिराव में चुलहट कहा जाता है.


सपा सोशल मीडिया कोऑर्डिनेटर ने महिला नेत्री के लिए तमाम अन्य अमर्यादित अपशब्दों का प्रयोग किया था. ऋचा सिंह की एक पोस्ट के जवाब में मनीष जगन अग्रवाल ने कई ट्वीट किए थे. ऋचा सिंह ने इससे पहले मनीष जगन अग्रवाल को लेकर अखिलेश यादव पर निशाना साधा था. ऋचा सिंह ने नाम लिए बिना ही लिखा था कि एक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ना जाने किस मजबूरी में लंपट, महिला विरोधी व अराजक तत्व को बचाने के लिए डीजीपी ऑफिस चले जाते हैं.


मनीष जगन अग्रवाल को इसी साल जनवरी महीने में सोशल मीडिया पर अमर्यादित पोस्ट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. उन्हें डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य समेत बीजेपी के कई अन्य नेताओं के खिलाफ अमर्यादित पोस्ट करने के मामले में गिरफ्तार किया था. बीजेपी नेता रिचा राजपूत ने मनीष जगन अग्रवाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. मनीष जगन अग्रवाल को छुड़ाने के लिए अखिलेश यादव लखनऊ में डीजीपी ऑफिस पहुंच गए थे और इस दौरान उनकी पुलिस वालों से तीखी झड़प भी हुई थी. हालांकि बाद में मनीष जगन अग्रवाल को जमानत पर छोड़ा गया था.


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