Meerut News: समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता और पूर्व मंत्री मुकेश सिद्धार्थ की मुश्किलें बढ़ गई हैं. सोमवार को उन्हें कोर्ट में पेश किया गया जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है. उत्तर प्रदेश के मेरठ नगर निगम की बोर्ड बैठक में विपक्षी दलों के दलित पार्षदों की कथित पिटाई के मामले में समाजवादी पार्टी नेता मुकेश सिद्धार्थ का ऊर्जा मंत्री सोमेंद्र तोमर को लेकर विवादित टिप्पणी वाला एक वीडियो सामने आया थी.


पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू करते हुए मुकेश सिद्धार्थ को गिरफ्तार किया था. मेरठ के सिविल लाइन थाने में पुलिस के मुताबिक, सपा नेता मुकेश सिद्धार्थ के खिलाफ आईपीसी की धारा 143, 153, 153-ए, 115, 353, 505, 2, 506 और 7 क्रिमिनल अमेंडमेंट एक्ट के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया था. 


पार्षदों की पिटाई से जुड़ा है मामला


एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने रविवार को बताया था कि मुकेश सिद्धार्थ के वायरल वीडियो का पुलिस ने संज्ञान लेते हुए उनके खिलाफ आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत सिविल लाइन थाने में एक प्राथमिक दर्ज कराई गई. इसकी जांच शुरू करते हुए मुकेश सिद्धार्थ को गिरफ्तार किया गया है. ये मामला मेरठ नगर निगम की बैठक में बीएसपी पार्षदों की पिटाई से जुड़ा हुआ है. बसपा ने बीजेपी नेता और ऊर्जा राज्य मंत्री डॉक्टर सोमेंद्र तोमर और एमएलसी धर्मेंद्र भारद्वाज पर मारपीट का आरोप लगाया है. 


मुकेश सिद्धार्थ का वीडियो हुआ था वायरल


पुलिस के अनुसार उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष व सपा नेता मुकेश सिद्धार्थ का शनिवार को यहां कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन के दौरान बातचीत का एक वीडियो सामने आया है. इस वीडियो में उन्हें कथित तौर पर यह कहते हुए सुना जा सकता है कि यदि राज्यमंत्री सोमेंद्र तोमर की 10 जनवरी तक गिरफ्तारी नहीं होती है, तो तोमर को जिंदा जलाया जाएगा और उनकी गाड़ी व घर में आग लगाई जाएगी. 


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