UP News: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) के रामचरितमानस (Ramcharitmanas) पर विवादित बयान के बाद मामला शांत होने का नाम ही नहीं ले रहा है. उनके बयान का जबरदस्त विरोध पार्टी के भी कुछ नेता कर रहे हैं. खुद शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) ने उनके बयान से किनारा कर लिया है. अब अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के दो बड़े एक्शन भी इसके संदेश दे रहे हैं.
दरअसल, सपा के कई नेताओं ने स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर नाराजगी जताई है. जबकि पार्टी के दो नेता रोली तिवारी मिश्रा और ऋचा सिंह ने स्वामी प्रसाद मौर्य के खुलकर विरोध किया. जिसके बाद दोनों ओर से ट्विटर पर जमकर एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी हुई. इसके बाद सपा के ओर से एक्शन लिया गया. सपा ने ट्वीट कर लिखा, "श्रीमती रोली तिवारी मिश्रा और सुश्री ऋचा सिंह को समाजवादी पार्टी से निष्कासित किया जाता है." हालांकि मामला यहीं शांत नहीं हुआ.
लेटर के जरिए निर्देश
इसके बाद सपा के ओर एक लेटर जारी कर आदेश दिया गया. जिसमें कहा गया, "सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने निर्देश दिया है कि सभी कार्यकर्ताओं, पार्टी नेताओं, पदाधिकारियों और टीवी पैनलिस्ट को यह बात ध्यान में रखना चाहिए कि सपा डॉ. लोहिया के आदर्शों से प्रेरणा लेकर लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद में आस्था रखती है."
सपा ने आगे लिखा, "सभी को साम्प्रदायिक मुद्दों पर बहस से परहेज करना चाहिए. हमें राजनीतिक चर्चा और बुनियादी सवालों पर ही अपना पूरा ध्यान रखना है. धार्मिक मुद्दा संवेदनशील मुद्दा है. हमें अनायास उससे संबंधित बहसों में नहीं उलझना चाहिए. कृपया अपने टीवी चैनलों की बहस में इसका ध्यान रखें."
हालांकि इससे पहले शिवपाल यादव ने कई मौके पर स्पष्ट तौर पर कहा है कि ये बयान स्वामी प्रसाद मौर्य का अपना निजी बयान है. ये पार्टी का बयान नहीं है. जबकि दूसरी ओर स्वामी प्रसाद मौर्य अभी भी अपने बयान पर कायम हैं.