Ramcharitmanas Row: रामचरितमानस विवाद पर सपा नेता शिल्पी चौधरी ने भी उठाए सवाल, कहा- आखिर ये भेदभाव क्यों है?
UP News: शिल्पी चौधरी ने सपा कार्यालय के सामने होर्डिंग लगवाया जिसमें लिखा है कि इस समय जाति व्यवस्था पर बात हो रही है, मैं एक महिला भी हूं और शूद्र भी हूं.
Ramcharitmanas Controversy: रामचरितमानस पर छिड़े विवाद में अब सपा के पिछड़ी जाति के नेताओं के साथ ही सपा की महिला नेता और ब्राह्मण नेता भी शामिल हो गए हैं. सपा इस मुद्दे पर बीजेपी को चौतरफा घेरने की कोशिश कर रही है. सपा कार्यालय के बाहर सिर्फ इस मुद्दे से जुड़े बोर्ड ही नजर आ रहे हैं. कोई लिखता है गर्व से कहो हम शूद्र हैं, तो कोई ब्राह्मण होने पर गर्व की बात करता है. महिला नेता भी रामचरितमानस की चौपाई पर सवाल उठा रही हैं.
सपा महिला सभा की निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष शिल्पी चौधरी ने भी सपा कार्यालय के सामने होर्डिंग लगवाया है, जिस पर अछूत लिखा है. शिल्पी चौधरी ने इस होर्डिंग को लेकर कहा कि इस समय जाति व्यवस्था पर बात हो रही है, मैं एक महिला भी हूं और शूद्र भी हूं. उन्होंने कहा कि अब मुझे पता लगा कि मैं तो शूद्र भी नहीं हूं, मैं तो अछूत हूं, जो शूद्र से भी नीचे के पायदान के लोग हैं, वह अछूत हैं. जब लोग कहते हैं गर्व से कहो हम हिंदू हैं, तो क्या मैं गर्व से कहूं मैं अछूत हूं? क्या इस पर गर्व कर सकती हूं. उन्होंने कहा कि छूट और अछूत भी इसी वर्ण व्यवस्था का हिस्सा है, तो हमें बात करनी पड़ेगी कि आखिर ये भेदभाव क्यों है? यह वर्ण व्यवस्था क्यों बनाई गई? भगवान राम की पूजा तो हम सब करते हैं, सब की आस्था है, लेकिन एक महाकाव्य में अगर ऐसी कुछ गलत पंक्तियां लिखी है. जब संविधान भी संशोधन से परे नहीं है, तो इस पर हमारी बात भी सुननी पड़ेगी, यह सियासी मुद्दा नहीं है.
क्या कहा सपा की महिल नेता ने?
शिल्पी चौधरी ने कहा कि बड़ी जनसंख्या के सामने 80 और 20 की लड़ाई आ गई है, यह दबाव बनाने की राजनीति नहीं चलेगी. पार्टी में अंदरूनी कलह पर शिल्पी चौधरी ने कहा कि हम सब समाजवादी विचारधारा से चल रहे हैं, पार्टी दो हिस्सों में नहीं बंटी है. जातिगत जनगणना हो तो पता चल जाएगा 80-20 है या 85-15 है. पार्टी में कुछ बंटा हुआ नहीं है, सीधी लड़ाई 80-20 की है. रामचरितमानस एक महाकाव्य है, धार्मिक ग्रंथ रामायण है, यह महर्षि वेदव्यास द्वारा लिखा हुआ गया. महाकाव्य पर भी बात नहीं उठाने देना चाहते, यह लोगों की ऊपर ही समझ है. यहां भगवान राम की बात ही नहीं हो रही, यहां सिर्फ कुछ विवादित अंशों की बात हो रही है, जिस पर बात होनी चाहिए. भगवान राम, भगवान शिव, भगवान विष्णु पर कभी कोई सवाल नहीं किया गया, लेकिन कहने वाले लोगों ने बहुत कुछ कहा. लोगों ने नेताजी के बहुत सारे फैसले पर भी उंगली उठयी. यह हक और सम्मान की लड़ाई है, जो इस लड़ाई के खिलाफ है वह बताएं क्या रामचरितमानस की उन चौपाइयों का समर्थन कर रहे हैं.
संशोधन कराने की बात कही
शिल्पी चौधरी कहा कि क्या मेरी ही पार्टी के लोग मेरा शोषण करने के लिए तैयार हैं? क्योंकि एक महिला हूं, अछूत हूं यह सवाल उनसे भी होगा, जो इसके अर्थ पर बात कह रहे हैं, उन्हें इस मुद्दे की कितनी समझ है. पार्टी के लोगों से हमारा कोई मतलब नहीं, उनकी अपनी समझ होगी, हमारी अपनी समझ है. यह धर्म की लड़ाई नहीं है, कुछ गलत बातों पर हमारा एतराज है, यह सम्मान की बात है. जब मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से मुक्ति दिलाई गई, तो मेरा राष्ट्रपति से निवेदन है कि इतने बड़े समाज के सम्मान की बात को ध्यान में रखते हुए इसका भी संशोधन कराएं.
वहीं अब सपा कार्यालय के बाहर एक ऐसा होर्डिंग भी लगा है जिसमें लिखा है गर्व से कहो हम ब्राह्मण हैं. महाराष्ट्र के सपा नेता ने यह होर्डिंग लगवाया है. होर्डिंग पर लिखा है कि बीजेपी ब्राह्मण विरोधी है. हम रामचरितमानस का विरोध नहीं कर रहे हैं. हम उस चौपाई में कुछ शब्द गलत हैं, उसका विरोध कर रहे हैं.
ये भी पढ़ेंः UP Politics: चाचा शिवपाल और भतीजे अखिलेश पर बरसे सीएम योगी आदित्यनाथ, कहा- लूट में एक दूसरे का दिया साथ