UP Politics: रामचरितमानस पर विवादित बयान, दरगाह पर शिवपाल यादव, 2024 से पहले सपा की ये कैसी रणनीति?
रामचरितमानस (Ramcharitmanas) पर स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) के विवादित बयान और शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Singh Yadav) की कुछ तस्वीरों ने नई चर्चा शुरू कर दी है.
Lok Sabha Elections 2024: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने रामचरितमानस (Ramcharitmanas) पर विवादित बयान के बाद विपक्ष लगातार जुबानी हमला बोल रहा है. मौर्य ने तुलसीदास (Tulsidas) रचित रामचरितमानस के कुछ हिस्सों पर पाबंदी लगाने की मांग रखी है. जिसके बाद वे विपक्ष के निशाने पर आ गए हैं. वहीं सपा के दिग्गज नेता शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Singh Yadav) की कुछ तस्वीरें भी रविवार को सामने आई, जिसके बाद सपा की रणनीति पर चर्चा शुरू हो गई.
दरअसल, शिवपाल सिंह यादव ने रविवार को चार तस्वीरें शेयर की हैं. लखनऊ स्थित हजरत मखदूम शाहमीना शाह की दरगाह की हैं. इन तस्वीरों को शेयर करते हुए उन्होंने लिखा, "लखनऊ में 'हजरत मख़दूम शाहमीना शाह' की दरगाह पर चादरपोशी की और साथ ही हर साल की तरह मुल्क में अमन और शांति के लिए 'अजमेर शरीफ दरगाह' पर चादर भिजवाई."
नेताजी की राह
सपा नेता ने हजरत मखदूम शाहमीना शाह की दरगाह पर चारपोशी के दौरान की तस्वीर साझा की. इस दौरान वे दरगाह पर अदायगी करते नजर आए. बात यहीं खत्म नहीं हुई. उन्होंने मुलायम सिंह यादव वाली पूरानी परंपरा को आगे बढ़ाने का भी प्रयास किया है. उन्होंने मुल्क में अमन और शांति के लिए अजमेर स्थित शरीफ दरगाह पर भी चादर भिजवाई है. इससे पहले सपा प्रमुख ने भी इस परंपरा को पूरा किया था.
अब राजनीतिक पंडितों का कहना है कि सपा के ओर से अपने पूराने समीकरण को मजबूत करने का प्रयास हो रहा है. सपा फिर से अपनी पुरानी राह पर लौट आई है. वहीं अब शिवपाल सिंह यादव की इन तस्वीरों को सपा एमएलसी के बयान से भी जोड़कर देखा जाने लगा है. बता दें कि मौर्य ने कहा, ‘‘रामचरितमानस के आपत्तिजनक हिस्सों जिनसे जाति वर्ग और वर्ण के आधार पर समाज के एक हिस्से का अपमान होता है उन्हें प्रतिबंधित कर दिया जाना चाहिए.'