UP Politics: स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर सियासी पारा हाई, मायावती को मिला भूपेंद्र चौधरी का साथ
समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने दावा किया कि इस बात के पर्याप्त ऐतिहासिक साक्ष्य हैं कि ये सभी मंदिर बौद्ध मठ थे.
UP News: काशी (Kashi) और मथुरा (Mathura) में मंदिर-मस्जिद को लेकर जारी अदालती लड़ाई का परोक्ष रूप से संदर्भ देते हुए समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने रविवार को कहा कि अगर भारतीय जनता पार्टी (BJP) हर मस्जिद में मंदिर ढूंढेगी तो लोग हर मंदिर में बौद्ध मठ ढूंढने लगेंगे.
सपा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘भाजपा के लोग एक साजिश के तहत मस्जिद-मंदिर का मुद्दा उठा रहे हैं. वे हर मस्जिद में मंदिर ढूंढ रहे हैं. यह उन्हें महंगा पड़ेगा. क्योंकि अगर वे हर मस्जिद में मंदिर ढूंढेंगे तो लोग हर मस्जिद में बौद्ध मठ ढूंढना शुरू कर देंगे.’’ सपा के राष्ट्रीय महासचिव ने दावा किया कि इस बात के पर्याप्त ऐतिहासिक साक्ष्य हैं कि ये सभी मंदिर बौद्ध मठ थे. मौर्य ने दावा किया, ‘‘उत्तराखंड में बद्रीनाथ और केदारनाथ मंदिर, पुरी में जगन्नाथ मंदिर, केरल में अयप्पा मंदिर और पंढरपुर (महाराष्ट्र) में विठोबा मंदिर आठवीं सदी तक बौद्ध मठ थे. इन मठों को ध्वस्त कर दिया गया और फिर वहां हिंदू मंदिर बना दिये गये.
भूपेंद्र चौधरी का पलटवार
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि उनका इरादा इन मंदिरों को दोबारा बौद्ध मठ बनाने का नहीं है लेकिन ‘‘अगर हर मस्जिद में मंदिर खोजा जा रहा है तो हर मंदिर में बौद्ध मठ क्यों नहीं खोजा जाना चाहिए.’’ मौर्य की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने कहा, ‘‘सनातन धर्म का बार-बार अपमान करना सपा और उसके नेताओं की घृणित मानसिकता बन गई है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हिंदुओं की आस्था के प्रमुख केंद्र बाबा केदारनाथ, बाबा बद्रीनाथ और श्रीजगन्नाथ पुरी के बारे में मौर्य का बयान न केवल विवादास्पद है बल्कि उनकी तुच्छ मानसिकता और क्षुद्र राजनीति को भी दर्शाता है.’’
भूपेन्द्र चौधरी ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘मौर्य का बयान देश और उत्तर प्रदेश के करोड़ों हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचा रहा है और समाज में नफरत पैदा कर रहा है. उन्हें (मौर्य को) इस बयान पर माफी मांगनी चाहिए. साथ ही समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव को इस विषय पर जनता के सामने अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए.’’ मौर्य ने शुक्रवार को इसी तरह की टिप्पणी की थी, जिस पर बीजेपी नेता और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उनके बयान को ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण’’ बताते हुए कहा था कि वे कांग्रेस और उसके सहयोगियों की 'राष्ट्र-विरोधी और धार्मिक-विरोधी' सोच को दर्शाते हैं.
बीएसपी प्रमुख ने की आलोचना
सपा नेता ने रविवार को आलोचना का जवाब दिया. उन्होंने कहा, ‘‘मैं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से कहना चाहूंगा कि हर किसी की आस्था महत्वपूर्ण है. अगर आपको अपनी आस्था की चिंता है तो आपको दूसरों की आस्था की भी चिंता होनी चाहिए.’’ बसपा की अध्यक्ष मायावती ने मौर्य पर चुनाव से पहले समुदायों के बीच दरार पैदा करने की कोशिश करने का आरोप लगाया. बसपा प्रमुख ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘सपा के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य का ताजा बयान कि बद्रीनाथ सहित अनेकों मंदिर बौद्ध मठों को तोड़कर बनाये गये हैं और आधुनिक सर्वे अकेले ज्ञानवापी मस्जिद का क्यों बल्कि अन्य प्रमुख मंदिरों का भी होना चाहिए, नए विवादों को जन्म देने वाला विशुद्ध राजनीतिक बयान है.’’
मायावती ने मौर्य से यह भी पूछा कि भाजपा नीत सरकार में मंत्री रहते हुए उन्होंने कभी ऐसी मांग क्यों नहीं उठाई. उन्होंने कहा, ‘‘मौर्य लंबे समय तक भाजपा नीत सरकार में मंत्री थे, उन्होंने इस संबंध में अपनी पार्टी और सरकार पर दबाव क्यों नहीं बनाया? अब चुनाव के समय ऐसा धार्मिक विवाद खड़ा कर रहे हैं. बौद्ध और मुस्लिम समुदाय उनके बहकावे में आने वाले नहीं हैं.’’ गौरतलब है कि वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद-श्रृंगार गौरी मामला अदालत में है. इसके अलावा मथुरा की शाही मस्जिद पर भी हिंदू पक्ष अपना दावा जता रहा है.