UP Politics: 'BJP जनता के विकास के लिए नहीं...', ऊर्जा मंत्री एके शर्मा के बिजली कर्मचारियों वाले बयान पर बोले सपा नेता
Lucknow News: ऊर्जा मंत्री एके शर्मा के बिजली कर्मचारियों के बयान पर सपा नेता उदयवीर सिंह ने कहा कि बिजली कर्मचारी अपनी मांग कर रहे हैं. इस सरकार में ही नहीं कर रहे बल्कि पहले से ही करते आए हैं.
Lucknow News: लखनऊ (Lucknow) में नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती और रामनवमी में अखंड रामायण का पाठ कराने के योगी सरकार के फैसले पर सपा प्रवक्ता और पूर्व एमएलसी उदयवीर सिंह ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि देश में विभिन्न समुदायों और धर्म की धार्मिक प्रक्रियाएं चल रही हैं. एक ही समय पर दोनों कार्यक्रम भाई चारे के साथ लोग करते रहे हैं. सवाल एक साथ दो कार्यक्रम करने का नहीं है, लेकिन बीजेपी की जो साख है, सब पर तो दंगा भड़काने के मुकदमे रहे हैं. अधिकांश लोग जेल में रहे हैं, कुछ किसी तरह जेल से बच कर आए हैं. तो यह आरोप तो बीजेपी के पुराने ट्रैक रिकॉर्ड को देखकर बनता है.
सपा प्रवक्ता और पूर्व एमएलसी उदयवीर सिंह ने आगे कहा कि बीजेपी जनता के विकास का कोई काम नहीं कर रही है, उसका पूरा फोकस शुरू से बांटो और राज करो, नफरत फैलाओ, भाईचारा बिगाड़ उस पर है इसलिए सपा ने जहां रामचरितमानस के पाठ का स्वागत किया वहीं यह भी आशा की कि सरकार जितने भी लोग हैं और जितने भी आयोजन है उनके फंड बढ़ा दे और सबको अपना त्योहार मनाने दें.
एके शर्मा के बयान को लेकर कही ये बात
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा के बिजली कर्मचारियों की हड़ताल के राजनैतिक संरक्षण वाले बयान पर भी उदयवीर सिंह ने निशाना साधा. उन्होंने कहा कि एके शर्मा की पार्टी की सरकार है. 6 साल से प्रदेश में लगातार है. बिजली कर्मचारी अपनी मांग कर रहे हैं और इस सरकार में नहीं कर रहे, इससे पहले जो भी सरकार आई उसमें भी कर्मचारी यूनियन कर्मचारी हित में मांग करते रहे हैं.
सपा नेता उदयवीर सिंह ने कहा कि एके शर्मा अधिकारी रहे हैं, इनका सामाजिक जीवन से ज्यादा लेना-देना नहीं है इसलिए लोगों की समस्या नहीं समझते. अगर कोई भी अपने हक की बात करें तो उन्हें उसमें राजनीति नजर आती है. वह विभाग के मंत्री है, कर्मचारी भी उन्हीं के विभाग के हैं. उन्हें कर्मचारियों के प्रति संवेदनाएं रखनी चाहिए, उनकी समस्याएं समझकर समस्या का समाधान करना चाहिए. उनका खुद का बयान राजनीति से प्रेरित है. वह कर्मचारियों के हित की बातों को राजनीति के नाम पर अनदेखा करना चाहते हैं.
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