UP News: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने विधान परिषद (Legislative Council) में नेता प्रतिपक्ष का पद खो दिया है. यूपी विधान परिषद सचिवालय ने समाजवादी पार्टी के लाल बिहारी यादव (Bihari Yadav) को दी गई नेता प्रतिपक्ष की मान्यता खत्म कर दी है. यूपी विधान परिषद के प्रमुख सचिव राजेश सिंह ने इसको लेकर अधिसूचना जारी की है.


नेता प्रतिपक्ष के लिए जरूरी यह शर्त


अब लाल बिहारी केवल समाजवादी पार्टी के नेता के तौर पर सदन में रहेंगे. लाल बिहारी यादव 27 मई को अपनी पार्टी के संजय लाथर की सदस्यता समाप्त होने के बाद यूपी विधान परिषद में विपक्ष के नेता बने. यादव से पहले लाथर इस पद पर थे. बुधवार को सदन में 10 नेताओं का कार्यकाल समाप्त हो गया. कार्यकाल समाप्त होने और नए निर्वाचित सदस्यों के आने के बाद अब सदन में समाजवादी पार्टी के विधायकों की संख्या 9 रह गई है. विपक्ष में किसी भी दल के सदस्य को नेता प्रतिपक्ष की मान्यता के लिए उसके पास सदन की कुल संख्या का 10 प्रतिशत हिस्सा होना अनिवार्य है. 


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इन नेताओं की सदस्यता हुई समाप्त


जिन अन्य लोगों का कार्यकाल गुरुवार को समाप्त हुआ उनमें कांग्रेस के दीपक सिंह, सपा के शत्रुध प्रकाश, जगजीवन प्रसाद, बलराम यादव, डॉ. कमलेश कुमार पाठक, रणविजय सिंह और राम सुंदर दास निषाद शामिल हैं.  बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के जिन सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हुआ, उनमें अतर सिंह रावत, दिनेश चंद्र और सुरेश कुमार कश्यप शामिल हैं. यह पहली बार है कि विधान परिषद में कांग्रेस का एक भी प्रतिनिधि नहीं है. इस बीच पिछले महीने चुने गए नवनिर्वाचित 13 एमएलसी का कार्यकाल अब शुरू हो गया है. 


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