UP Monsoon Session 2024: उत्तर प्रदेश विधानसभा में चौथे दिन एक वक्त जमकर हंगामा हुआ जब समाजवादी पार्टी विधायक को कार्यवाही से बाहर निकाल दिया गया. विधानसभा में सत्र के दौरान कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही किसी प्रश्न का जवाब दे रहे थे. उसकी वक्त सपा विधायक अनिल प्रधान उसके जवाब से संतुष्ट नहीं थे. उन्होंने मंत्री के जवाब पर हंगामा शुरू किया लेकिन उनकी भाषा पर स्पीकर ने सवाल खड़े कर दिए.
हालांकि स्पीकर सतीश महाना के बार-बार मना करने पर भी वह अपनी भाषा में सुधार करते नजर नहीं आए तो उन्हें कार्यवाही से बाहर करने का निर्देश दिया गया. हालांकि इसके बाद सपा ने इस फैसले पर सवाल खड़े कर दिए. उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए प्रतिक्रिया दी है. सपा ने कहा, 'समाजवादी पार्टी के युवा ,गरीब और पिछड़े वर्ग के विधायक अनिल प्रधान ने जनहित पर भाजपा सरकार के मंत्री से सदन में सवाल पूछ लिया तो भाजपा सरकार के विधानसभा अध्यक्ष ने भाजपा सत्ता के इशारे पर पिछड़े वर्ग के विधायक को सदन से बाहर निकलवा दिया.'
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बीजेपी को देना होगा जवाब- सपा
सपा ने कहा, 'दलित पिछड़े वर्ग के जनप्रतिनिधि क्या अब सत्ता धारी भाजपा के मंत्रियों और सरकार से सवाल भी नहीं पूछ सकते? जनता ने अपना जनप्रतिनिधि बनाकर सदन में भेजा है, भाजपा के दलित पिछड़ा वर्ग के नेता तो गुलाम हैं, सत्ताधारी भाजपा के द्वारा दलित पिछड़ा वर्ग पर अन्याय करने के बावजूद कोई सवाल नहीं करते लेकिन समाजवादी पार्टी में दलित पिछड़ा वर्ग के शेर चुनकर आए हैं जो सत्ताधारी भाजपा से सड़क से लेकर सदन तक कठोर सवाल करेंगे और भाजपा सत्ता को जवाब देना ही होगा.'
हालांकि सपा विधायक को जब कार्यवाही से बाहर निकाला गया तो उनके आगे बैठे कुछ सपा के सदस्यों ने फैसले पर सवाल उठाए लेकिन स्पीकर ने कहा कि किसी भी सदस्य की मैं इस तरह की भाषा सहन नहीं करूंगा. सभी को मर्यादित भाषा के साथ अपनी बातें रखने का हक है. कोई किसी सदस्य के खिलाफ अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल न करे.