UP Politics: गाजियाबाद की लोनी सीट से बीजेपी विधायक नंद किशोर गुर्जर  के दरगाहों को लेकर दिए गए आपत्तिजनक बयान को लेकर सियासत गरमा गई है. समाजवादी पार्टी के बिलारी से विधायक मोहम्मद फहीम इरफान ने उनके बयान पर पलटवार किया और उसे समाज में सद्भाव बिगाड़ने वाला बताया. उन्होंने कहा कि ये देश गंगा जमुनी तहजीब वाला है. हमें सभी के धर्म का सम्मान करना चाहिए. 


सपा विधायक फहीम इरफान ने नंदकिशोर गुर्जर को जवाब देते हुए कहा कि ये बहुत गलत बयान है और समाज मे सद्भाव को बिगड़ने वाला है. भाजपा विधायक के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई होनी चाहिए. हम इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष से भाजपा विधायक की शिकायत करेंगे. हमारा देश गंगा-जमुनी तहजीब का देश है और किसी के भी धर्म का अपमान नहीं करना चाहिए. 


सपा विधायक ने दिया जवाब
फहीम इरफान ने कहा- भाजपा विधायक ने बहुत खराब बात की है दरगाहों पर सभी धर्म और मजहब के लोग अपनी-अपनी मुरादें लेकर जाते हैं और अल्लाह के नेक बंदों की दुआओं से लोगों की मुरादें पूरी होती हैं. सूफी संतों का सभी सम्मान करते हैं. हम उनके बारे में इस तरह की बात को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे. दरगाहों पर फिल्मी सितारें भी बड़ी संख्या में जाते हैं भाजपा विधायक अपनी राजनीति के लिए इस तरह की खराब बात कर रहे हैं. 


उन्होंने कहा कि ये हमारे दिलों को तोड़ने वाली बात है. भाजपा विधायक को शायद मालूम नहीं है कि हमारे देश में मिलीजुली संस्कृति है मैं खुद मोहम्मद फहीम इरफान होने के बावजूद अपने क्षेत्र में होने वाले रामायण के पाठ और श्री कृष्णा जन्माष्टमी के अवसरों पर हिंदू धर्म के कार्यक्रमों में मुझे बुलाया जाता है और मैं वहां सम्मान के साथ जाता हूं, ये हमारे देश की यही संस्कृति है कि एक दूसरे के धर्म का सम्मान करना. 


सपा विधायक ने कहा कि देश की आजादी के लिए हिंदू-मुसलमान सबने मिलकर लड़ाई लड़ी थी. तभी हमारा देश आजाद हुआ. इस तरह की बातें करना भाजपा विधायक को शोभा नहीं देता वह विधानसभा के सदस्य हैं. ऐसे बयान देकर वह लोगों के दिलों को तोड़ रहे हैं और देश के अमन सुकून और देश के संस्कृत सौहार्द को बिगाड़ रहे हैं. भाजपा विधायक ने शायद अपने धार्मिक ग्रंथ भी नही पढ़े हैं अगर उन्होंने रामायण और रामचरितमानस पढ़ ली होती तो ऐसे बयान न देते.


बता दें कि बीजेपी विधायक नंद किशोर गुर्जर ने हिन्दुओं को दरगाहों में जाने से मना किया था. उन्होने कहा कि हिन्दू दरगाहों या मजारों पर न जाएं क्योंकि वहां जिहादी दफ़्न हैं. इन्होंने महिलाओं पर जुल्म किया और उन्हें जौहर के लिए मजबूर किया था. अगर हिन्दू वहां जाकर माथा पटकता है तो उससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण कुछ नहीं है. 


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