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हाजी रफीक 101 वारंट जारी होने के बाद भी नहीं हुए पेश, अब पुलिस ने किया गिरफ्तार
UP News: 1995 रफीक अंसारी समेत करीब 35-40 लोगों के खिलाफ मेरठ के नौचंदी थाने में आगजनी, तोड़फोड़ और बलवा मामले में केस दर्ज किया गया था, जिसमें 22 लोगों को रिहा कर दिया गया.
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Haji Rafiq Ansari Arrest: उत्तर प्रदेश मेरठ शहर सीट से समाजवादी पार्टी के विधायक हाजी रफीक अंसारी को गिरफ्तार कर लिया है. सपा विधायक को लखनऊ विधायक आवास से कुछ दूरी पर ही गिरफ्तार किया गया. जिसके बाद पुलिस उन्हें लेकर मेरठ के लिए रवाना हो गई हैं. रफीक अंसारी के खिलाफ कोर्ट 101 वारंट जारी कर चुकी थी, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है.
हाजी रफीक अंसारी मेरठ की शहर विधानसभा सीट से विधायक हैं और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बेहद करीबी माने जाते हैं. इलाहाबाद हाईकोर्ट से विधायक रफीक अंसारी के एनबीडब्ल्यू जारी हुए थे, जिसके बाद एसएसपी रोहित सिंह सजवान ने सीओ सिविल लाइन अभिषेक तिवारी के नेतृत्व में सपा विधायक की गिरफ़्तारी के लिए टीम गठित की गई थी.
101 वारंट के बाद भी नहीं हुए थे पेश
सपा विधायक रफीक अंसारी मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एमपी/एमएलए मेरठ कोर्ट से 101 वारंट जारी होने बावजूद पेश नहीं हुए थे. विधायक रफीक अंसारी, आईपीसी की धारा 147, 436 और 427 के तहत विचाराधीन मुकदमे में पेश नहीं हुए थे. जबकि उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. जिसके बाद हाईकोर्ट ने पुलिस महानिदेशक को विधायक रफीक अंसारी के खिलाफ ट्रायल कोर्ट द्वारा जारी किए गए गैर जमानती वारंट तामील सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए थे.
सपा विधायक रफीक अंसारी कानूनी रूप से पिछले 26 सालों से फरार चल रहे थे. साल 1997 से 2015 तक के बीच अदालत से उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट और कुर्की के आदेश जारी होते रहे लेकिन उन्होंने किसी वारंट की तामील नहीं कराई और न कोर्ट में पेश हुए.
दरअसल साल 1995 रफीक अंसारी समेत करीब 35-40 लोगों के खिलाफ मेरठ के नौचंदी थाने में आगजनी, तोड़फोड़ और बलवा मामले में केस दर्ज किया गया था. इस मुकदमे में 22 अन्य अभियुक्तों को बरी कर दिया गया और 1997 में मुकदमे पर विचार खत्म हो गया. लेकिन, रफीक के खिलाफ वारंट जारी होते रहे. जिसके बाद रफीक ने अपने ऊपर दर्ज मुकदमे की कार्रवाई को खत्म करने की मांग करते हुए याचिका दी थी लेकिन हाईकोर्ट ने इस पर कड़ी नाराजगी जताई थी
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