Kanpur News: सपा विधायक हाजी इरफान सोलंकी को कानपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने 7 साल की सजा आगजनी के मुकदमे में सजा सुनाई गई थी. जिसके चलते वो महाराजगंज जेल में बंद है. वहीं साल 2022 के दरमियान इरफान सोलंकी पर एक और मुकदमा दर्ज किया गया था. जिसमे उन पर आरोप था कि बांग्लादेशी नागरिक डॉक्टर रिजवान की पत्नी और उन्हे बच्चों के भारतीय दस्तावेज बनवाने में मदद की थी. हालांकि इस आरोप से विधायक में इनकार कर दिया था. पुलिस के द्वारा कराए गए फोरेंसिक जांच में झांसी की लैब ने इसे मैच होने से इंकार कर दिया है.


बांग्लादेशी नागरिक डॉक्टर रिजवान पहले से ही बांग्लादेशी नागरिक थे और अक्सर कानपुर आया करते थे. इसी दरमियान उन्हें कानपुर की रहने वाली जीना नाम की एक महिला से प्यार हुआ. उन्होंने उनसे शादी कर ली और उसके बाद हिना डॉक्टर रिजवान के साथ बांग्लादेश शिफ्ट हो गए. लेकिन कुछ समय बाद हिना ने भारत में रहने की इच्छा जाहिर की ओर वो भारत आ गई. लेकिन हिना ने न तो भारत छोड़ते समय भारत की नागरिकता रद्द कराई थी और जब बांग्लादेश पहुंची तो वहां की नागरिकता ले ली.


फर्जी दस्तावेज के चलते मुकदमा हुआ था दर्ज
 जब दोबारा हिना अपने बच्चों के साथ रहने आई तो उसने बांग्लादेश नागरिकता रद्द कराई और न ही यहां की सरकार को जानकारी दी. जिसके बाद हिना और उसके बच्चों को भारतीय नागरिकता दिलाने के लिए डॉक्टर रिजवान ने विधायक इरफान सोलंकी के लेटर हेड पर इस बाद की संस्तुति के साथ कुछ दस्तावेज तैयार कराए. जिन्हे पुलिस ने अवैध मानते हुए इनपर मुकदमा दर्ज कर दिया. साथ ही विधायक इरफान के लेटर हेड पर किए उनके हस्ताक्षर को आधार मानते हुए बांग्लादेशी नागरिक की मदद और फर्जी दस्तावेज बनवाने की भूमिका के चलते मुकदमा दर्ज हुआ था. 


इस बाबत इरफान के वकील शिवाकांत दीक्षित का कहना है की विधायक के लेटर हेड और उसपर उनके दस्तखत दोनो ही उनके नही है और न ही वो डॉक्टर रिजवान को जानते हैं लेकिन पुलिस ने उन्हें आरोपी बनाकर जेल भेज दिया अब उस लेटर हेड की दो बार जांच हो चुकी है और झांसी की लैब में उसकी फोरेंसिक जांच हुई है जिसमे ये साफ हो गया है कि हस्ताक्षर विधायक के नही है जिसे बड़ी राहत माना जा रहा है वहीं पुलिस तीसरी बार इस लेटर हेड की जांच करने की बात कर रहे है.


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