UP Politics: सपा विधायक इरफान सोलंकी और उसके भाई समेत अन्य आरोपियों को 7 साल की सजा, जानें पूरा मामला
Kanpur News: समाजवादी पार्टी के चर्चित विधायक इरफान सोलंकी पर साल 2022 में कानपुर के जाजमऊ थाने में एक प्लॉट में आग लगाने का मुकदमा दर्ज किया गया था.
UP News: कानपुर के बहुचर्चित सपा विधायक हजार इरफान सोलंकी मामले में शुक्रवार को एमपी एमएलए कोर्ट ने अंतिम फैसले के साथ विधायक इरफान उसके भाई रिजवान और अन्य 3 साथियों को आगजनी मामले में 7 साल की सजा सुनाई है. इसके अलावा आर्थिक जुर्माने की सजा सुना कर इस मामले पर विराम लगा दिया. पिछले 2022 से चल रहे इस मामले में दो साल बाद जजमेंट सुनाया गया.
कानपुर के सीसामऊ विधान सभा के सपा के चर्चित विधायक इरफान सोलंकी पर साल 2022 में कानपुर के जाजमऊ थाने में एक प्लॉट में आग लगाने का मुकदमा दर्ज किया गया था. इस मामले में वादिनि नजीर फातिमा ने वादी बनकर विधायक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. इसमें विधायक को महाराजगंज जेल में बंद किया गया था और पिछले 20 माह से विधायक जेल में बंद हैं. इस मामले में पुलिस ने वादी की शिकायत के आधार पर सपा विधायक इरफान सोलंकी, उनके भाई रिजवान सोलंकी, इजरायल आटा वाला, शरीफ और शौकत को पिछली तारीख में दोषी करार दिया था.
सीएम योगी की मां फिर हुईं AIIMS में भर्ती, उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री ने दी मुलाकात
सभी आरोपियों को 7 साल की सजा
इसके बाद सजा के फैसले को सुरक्षित कर लिया था जिसके बाद 7 जून विधायक इरफान को और उनके अन्य साथियों को 7 साल की सजा सुना दी. सात का ये आंकड़ा विधायक इरफान के लिए सही साबित नहीं हुआ. तभी सात जून को सात साल की सजा ने विधायक के परिवार सही पूरी सपा को भी हिला दिया है. विधायक को सजा होने से कानपुर की इस विधान सभा से अब सपा विधायक सदस्य नहीं रहेंगे. उनकी विधायक अब निरस्त होगी और इस सीट पर उपचुनाव के संपूर्ण भी तेज हो गए हैं.
इस सजा के साथ प्रत्येक दोषी को 30 हजार 5 सौ रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है. इसके साथ ही अगर दोषी विधायक या उनके साथी जुर्माना नहीं दे पाते हैं तो उन्हें तीन माह का अतिरिक्त कारावास कटना पड़ेगा. इस जुर्माने की राशि का 40 फीसदी की राशि वादिनि नजीर फातिमा को दी जायेगी, जिससे वो अपना भरणपोषण कर सके .
वहीं इस फैसले के बाबत शासकिय अधिवक्ता दिलीप अवस्थी ने बताया कि आज फैसला और सजा दोनों सुनाया गया है. इसमें विधायक और उनके साथियों को भी 7 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है. इनपर 30,500 रुपए का प्रत्येक दोषी पर जुर्माना लगाया गया है और इसका 40 फीसदी हिस्सा वादिनि को दिया जाना है.