समाजवादी पार्टी विधायक व अपना दल (कमेरावादी) की नेता डॉ. पल्लवी पटेल ने कहा कि आज जो भी सदन में हुआ उससे इतना साफ हो गया कि बीजेपी सरकार को जन भावनाओं की कोई परवाह नहीं. आज जन भावनाओं के जो मुद्दे उठाए गए उस पर चर्चा भी नहीं करना चाह रहे थे, उससे बचते दिखाई दिए. कानपुर में घर गिराने के नाम पर जला दिया जाता है. सरकार को जवाब देना होगा कि ऐसे मजबूर लोगों से बड़े बहुत से बड़े अपराधी हैं जिन पर सैकड़ों केस है, जो प्रदेश की संपदा को निर्माण के नाम पर पूरा चाट चुके हैं, वो लोग सरकार क्यों चला रहे हैं.


सदन जन भावनाओं-जन आकांक्षाओं के लिए


सपा विधायक ने कहा कि आज जिस तरह से पूरे विपक्ष ने एक साथ खड़े होकर जन भावनाओं का सम्मान करते हुए बीजेपी सरकार से सवाल पूछे उन्होंने उसका सम्मान करे बगैर जवाब देना भी उचित नहीं समझा. उन्होंने एक बार फिर खुद को लोकतंत्र विरोधी साबित कर दिया है. बीजेपी की सरकार जनविरोधी और लोकतंत्र विरोधी है, जो लोग आज मांग कर रहे थे वह उसी जनता के द्वारा चुनकर आए हैं. सदन जन भावनाओं, जन आकांक्षाओं के लिए है. जो प्रतिनिधि वहां खड़े होकर मांग कर रहे थे वह जनता की मांग कर रहे थे. यह सच है कि हम संख्या में कम है, वह कभी भी बढ़ जाएगी. इसका मतलब यह नहीं कि हम जो प्रश्न उठाना चाहते हैं, उसे सुना भी ना जाए और उसका जवाब ना दिया जाए.


 जातीय जनगणना पर पल्लवी पटेल ने दिया ये बयान


वहीं मिशन 2024 को लेकर पल्लवी पटेल ने कहा कि जातीय जनगणना हम लगातार बोलते आए हैं. जब तक 1-1 की गिनती नहीं होगी कैसे सुनिश्चित होगा कि उस समाज को सम्मान और हिस्सेदारी मिल रहा है या नहीं. अब तो सुप्रीम कोर्ट भी कह रहा कि अगर सरकारें जातिवार जनगणना नहीं कराएंगे तो उस समाज को कैसे भागीदारी देंगे. इसलिए जातिवार जनगणना देश का सबसे बड़ा मुद्दा होना चाहिए. एक-एक की गिनती कराई जाए, जिसकी जितनी संख्या भारी उतनी उसकी हिस्सेदारी. जातिवार जनगणना जब होगी उसमें हर किसी की हिस्सेदारी निकलकर आएगी. यह भी सुनिश्चित हो जाएगा जिसको जो मिलना चाहिए मिल भी रहा है कि नहीं. यह मुद्दा पार्टी और परिवार से ऊपर उठकर देश प्रदेश के हित में है जिस पर बात होनी चाहिए.


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