Ramcharitmanas Row: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) की बयानबाजी लगातार जारी है. अब शनिवार को उन्होंने एकबार फिर विरोधियों पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा, "किसी भी संत, महंथ, धर्माचार्य को न तो नीच अधम कहा गया और न ही प्रताड़ित, अपमानित किया गया."


सपा नेता ने कहा, "संत, महंथ, धर्माचार्य को न तो नीच अधम कहा गया और न ही प्रताड़ित, अपमानित किया गया फिर भी आगबबूला होकर धैर्य, संयम और विवेक खो दिये हैं, सोचिये जरा उन महिलाओं, आदिवासियों, दलितों, पिछड़ो से जिन्हे धर्म के नाम पर आप रोजाना नीच, अधम, अपमानित व प्रताड़ित."






इससे पहले एमएलसी ने कहा था, "देश के आदिवासियों, दलितों, पिछड़ो व समस्त महिलाओं को अपमानित, प्रताड़ित करने तथा नीच अधम कहने वाले तथाकथित धर्म के ठेकेदार यदि इसे जन्मसिद्ध अधिकार मानते हैं तो उन्हें इस गलत मुगालते से बाहर आकर धर्म के नाम पर भेदभाव खत्म करना ही होगा."


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विरोधियों को दिया जवाब
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, "मानस की आपत्तिजनक कुछ चौपाइयों को संशोधित व प्रतिबंधित करने की मांग को, कुछ लोग श्रीराम, हिंदू धर्म और रामचरितमानस से जोड़कर मामले को भटकाने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसे ही लोग महिलाओं, आदिवासियों, दलितों व पिछड़ों के 97% आबादी के सम्मान के विरोधी हैं."


उन्होंने कहा, "देश की समस्त महिलायें व शूद्र समाज यानि आदिवासी, दलित, पिछड़े, जो सभी हिंदू धर्मावलंबी ही हैं तथा जिनकी कुल आबादी 97% है, को तो अपमानित किया ही जा रहा है. गौमांस खाने वालों को हिंदू बनाकर उन्हें भी अपमानित करने का इरादा है क्या? बोलो, बोलो हसबोले जी."