Ramcharitmanas Controversy: उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) के रामचरितमानस (Ramcharitmanas) पर विवादित बयान के बाद से जुबानी जंग जारी है. इसके बाद पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) बेहद ही नाराज बताए जा रहे हैं. इस बीच सूत्रों का दावा है कि स्वामी प्रसाद मौर्या सपा का प्रदेश अध्यक्ष बनना चाहते थे.


बीते साल सपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक लखनऊ में हुई थी. तब दूसरे दिन राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव हुआ था. सपा का प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल को फिर से बनाया गया था. लेकिन सूत्रों की माने तो स्वामी प्रसाद मौर्य प्रदेश अध्यक्ष बनना चाहते थे. राष्ट्रीय और प्रदेश कार्यकारिणी के समय स्वामी प्रसाद मौर्य ने अखिलेश यादव पर प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी देने को लेकर अपनी बात रखी थी.


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सपा प्रमुख के साथ चल रहा कोल्ड वॉर
लेकिन नरेश उत्तम पटेल को फिर से प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिली. संगठन कमजोर होने की वजह से अखिलेश यादव के पास कोई विकल्प नहीं था. बाहर से आए हुए किसी नेता को पार्टी के संगठन की कमान अखिलेश यादव नहीं सौंपना चाहते थे. इसके बाद मजबूरी में अखिलेश यादव को नरेश उत्तम पटेल को दोबारा प्रदेश अध्यक्ष बनाना पड़ा था. जिसके कारण कार्यकारिणी बैठक के बाद से ही अखिलेश यादव और स्वामी प्रसाद मौर्या के बीच कोल्ड वॉर चल रहा था.


बता दें कि नरेश उत्तम पटेल 2017 से 2022 तक सपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं. सपा के वो चौथे प्रदेश अध्यक्ष हैं, पार्टी की स्थापना से लेकर अब तक सपा के चार प्रदेश अध्यक्ष ही हुए हैं. उनमें नरेश उत्तम पटेल भी शामिल हैं. अखिलेश यादव की सोची समझी रणनीति भी है. दावा है कि 2022 के विधानसभा चुनाव में कुर्मी वोट भी सपा को मिला. खास बात है कि नरेश उत्तम पटेल भी कुर्मी बिरादरी से आते हैं.