रामपुर, एबीपी गंगा। समाजवादी पार्टी के नेता और रामपुर के सांसद आजम खान की मुश्किलें कम होनेका नाम नहीं ले रही हैं। अपनी विवादित बयानबाजी को लेकर सुर्खियों में रहने वाला आजम खान इस बार अपनी जौहर यूनिवर्सिटी को लेकर चर्चा में हैं, क्योंकि इस यूनिवर्सिटी के लिए किसानों की जमीनें कब्जाने के आरोप में फंसे आजम खान को प्रशासन ने भू-माफिया घोषित कर दिया है। उप जिला अधिकारी की ओर से उनका नाम उत्तर प्रदेश एंटी भू- माफिया पोर्टल पर दर्ज कराया गया है।


किसानों की जमीन कब्जाने के मामले में 13 मुकदमे दर्ज


बता दें कि आजम खान के खिलाफ एक सप्ताह के दौरान जमीन कब्जाने के 13 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। जिसके बाद आजम खान की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। दरअसल, रामपुर में आजम खान द्वारा निर्मित जौहर यूनिवर्सिटी है, जिसके लिए किसानों की जमीन हथियाने के दर्जनभर मुकदमें आजम खान पर किसानों द्वारा दर्ज कराए गए हैं।


सरकारी जमीन कब्जाने के आरोप में भी मुकदमा दर्ज


वहीं, सपा नेता आजम खान पर हाल ही में प्रशासन ने कोसी नदी क्षेत्र की 5 हेक्टेयर सरकारी जमीन कब्जाने और सरकारी कार्य में बाधा डालने का मुकदमा भी दर्ज कराया था। जिसके बाद आज आजम खान और पूर्व सीओ आले हसन का नाम एंटी भू-माफिया पोर्टल पर दर्ज किया गया है। जिला अधिकारी ने बताया नदी की जमीन कब्जाने का आरोप जांच में सिद्ध हुआ है, जिसके बाद प्रशासन की तरफ से मुकदमा भी दर्ज कराया गया है। वहीं, लगभग 26 किसानों की जमीन पर कब्जा करने के आरोपी आजम खान सिद्ध हुए हैं, जिसके बाद प्रशासन द्वारा यह कार्रवाई की गई है।



26 किसानों ने आजम के खिलाफ की शिकायत


रामपुर के जिला अधिकारी और एसपी के मुताबिक, लगभग 26 किसानों ने शिकायत की है कि सपा सरकार में मंत्री रहते हुए आजम खान और तत्कालीन सीओ सिटी आले हसन ने उन्हें डरा धमका कर और झूठे मुकदमो में फंसा कर उनकी जमीने हड़प लीं। उनकी जमीनों को आजम खान कि यूनिवर्सिटी के नाम जबरदस्ती लिखा लिया गया और उस पर कब्जाकर यूनिवर्सिटी बना ली गई।


मामले पर आजम खान की सफाई


इस पूरे मामले पर आजम खान और उनके बेटे का कहना है कि जमीन उन्होंने पैसे देकर खरीदी है और वो उसके मालिक हैं, लेकिन पुलिस का कहना है कि जांच में कुछ जमीन ऐसी पाई गई है, जिसकी रजिस्ट्री तक नहीं हुई है।