UP News: लोकसभा सचिवालय ने शुक्रवार को एक अधिसूचना जारी कर तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा को निचले सदन से निष्कासित करने की घोषणा की. यह अधिसूचना मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित किए जाने के कुछ घंटों बाद जारी की गई. महुआ मोइत्रा के लोकसभा से निष्कासित होने के बाद विभिन्न दलों की प्रतिक्रिया आ रही है. अब समाजवादी पार्टी प्रमुख डिंपल यादव का रिएक्शन आया है.


डिंपल यादव ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए लिखा, 'एक तरफ सरकार संसद में नारी वंदन विधेयक (महिला आरक्षण विधेयक) लाती है, जहां इसके कार्यान्वयन को लेकर कोई स्पष्टता नहीं है. दूसरी ओर दूसरी ओर सरकार ने कॉरपोरेट कॉकस के संबंध में स्पष्ट रूप से बोलने वाली महिला संसद सदस्य महुआ मोइत्रा को निष्कासित कर दिया है, वह भी एक ऐसी आचार समिति द्वारा जिसके कोई परिभाषित नियम-कायदे नहीं हैं.'



बीजेपी पर भड़कीं डिंपल यादव
सपा सांसद ने आगे लिखा, 'इससे न केवल महिलाओं को लेकर बल्कि अभिव्यक्ति की अभिव्यक्ति को लेकर भी भाजपा सरकार की सच्ची मानसिकता का पता चलता है. महिलाओं और लोकतंत्र के संबंध में भारत क्या संदेश लेकर आगे बढ़ता है. भाजपा नारी शक्ति की बात करती है लेकिन सही मायने में वह 'शक्ति' को खत्म करना चाहती है.' 


इसके अलावा अखिलेश यादव ने लिखा, 'सत्ताधारी दल विपक्ष के लोगों की सदस्यता लेने के लिए किसी सलाहकार को रख ले, जिससे मंत्रीगण व सत्ता पक्ष के सासंदों और विधायकों का समय षड्यंत्रकारियों गतिविधियों में न लगकर लोकहित के कार्यों में लगे. जिन आधारों पर सांसदों की सदस्यता ली जा रही है, अगर वो आधार सत्ता पक्ष पर लागू हो जाएं तो शायद उनका एक दो सासंद-विधायक ही सदन में बचेगा. कुछ लोग सत्ता पक्ष के लिए सदन से अधिक सड़क पर घातक साबित होते हैं.'


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ध्वनिमत से मंजूरी
मोइत्रा को ‘पैसे लेकर सवाल पूछने’ के मामले में शुक्रवार को ‘अनैतिक एवं अशोभनीय आचरण’ के लिए सदन की सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने लोकसभा में मोइत्रा के निष्कासन का प्रस्ताव पेश किया, जिसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी दे दी. 


इससे पहले सदन में लोकसभा की आचार समिति की उस रिपोर्ट को चर्चा के बाद मंजूरी दी गई जिसमें मोइत्रा को निष्कासित करने की सिफारिश की गई थी. अधिसूचना में कहा गया है, ‘‘लोकसभा द्वारा महुआ मोइत्रा को निष्कासित करने के प्रस्ताव को मंजूरी देने के परिणामस्वरूप वह अब आठ दिसंबर, 2023 की दोपहर से लोकसभा की सदस्य नहीं रहीं.’’