Women Reservation Bill: संसद के विशेष सत्र के बीच सोमवार शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें महिला आरक्षण बिल (Women Reservation) को मंजूरी मिल गई है. कैबिनेट से मुहर लगने के बाद इसे लोकसभा में रखा जाएगा, जिसके बाद महिला आरक्षण को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं. वहीं इस मुद्दे पर सपा सांसद एसटी हसन का भी बयान सामने आया है. विशेष सत्र के पहले दिन सदन में अपनी बात रखते हुए सपा सांसद ने महिला आरक्षण पर अपनी राय रखी है. 


सपा सांसद डॉ एसटी हसन ने महिला आरक्षण का समर्थन किया है. सोमवार को लोकसभा में अपनी बात रखते हुए एसटी हसन ने कहा कि "हम महिला आरक्षण का समर्थन करते हैं. हम चाहते हैं कि महिला आरक्षण बिल आना चाहिए, लेकिन सपा चाहती है कि इसमें एससी, एसटी, ओबीसी और मुस्लिम का भी आरक्षण हो और ये रिजर्वेशन पार्टियों पर लागू हो, इलेक्शन कमीशन पर लागू नहीं होना चाहिए."


सपा सांसद एसटी हसन ने ये कहा


सपा सांसद ने कहा कि "महिला आरक्षण पार्टियां अपने हिसाब से करें, कहीं ऐसा न हो कि जहां-जहां हमारे बड़े नेता खड़े होते हैं अगर इलेक्शन कमीशन उनसे नाराज है तो उस सीट को महिलाओं के लिए आरक्षित कर दे." 


ज्यादातर दल इस बिल के समर्थन में


दरअसल महिला आरक्षण बिल में लोकसभा और राज्य की विधानसभा में महिलाओं के लिए 33 फीसद या एक तिहाई सीटें आरक्षित किए जाने का प्रावधान है. इसके साथ ही इस 33 फीसद आरक्षण में एससी, एसटी के लिए भी आरक्षण का प्रावधान है. ये बिल कई सालों से रुका पड़ा है. ज्यादातर राजनीतिक दल पहले से ही इसके समर्थन में है. हालांकि महिला आरक्षण में आरक्षण को लेकर कुछ दलों द्वारा आपत्ति जरुर जताई गई है. इससे पहले यूपीए सरकार में भी महिला आरक्षण बिल को पास कराने की कोशिश की गई थी, लेकिन तब ये पास नहीं हो पाया था.


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