Waqf Bill 2024: देश में इस समय वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 को लेकर हंगामा मचा हुआ है. हालांकि लोकसभा में पेश होने के बाद इसके लिए संयुक्त संसदीय समिति (JPC) गठित कर दी गई है. इसी बीच अब उत्तर प्रदेश की कैराना लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी की सांसद इकरा मुनव्वर हसन ने वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 को लेकर कहा कहा कि यह एक पुरानी धर्मार्थ संस्था है.


सपा सांसद इकरा हसन ने कहा कि हमें यह समझने की जरूरत है कि वक्फ की संपत्तियां कैसे दी जाती हैं. अगर मैं आपको दान के रूप में कुछ दे रहा हूं, लेकिन कोई तीसरा व्यक्ति या जिला मजिस्ट्रेट आकर आपको बताता है कि आप इसका उपयोग कैसे करने जा रहे हैं. तो इससे किसी की मदद नहीं होने वाली है. यह सिर्फ एक हस्तक्षेप है, सरकार यूपी में अपनी विफलता का बदला लेने की कोशिश कर रही है, इसीलिए अल्पसंख्यकों पर हमला किया जा रहा है, यह संविधान पर भी हमला है."


बता दें कि गुरुवार को लोकसभा में विपक्ष के आरोपों पर केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने कहा था कि इस विधेयक के माध्यम से किसी समुदाय की धार्मिक स्वतंत्रता में हस्तक्षेप नहीं किया जा रहा है तथा संविधान के किसी भी अनुच्छेद का उल्लंघन नहीं किया गया. वहीं सपा सांसद अखिलेश यादव ने इस विधेयक को लेकर कहा कि ये सोची समझी राजनीति के तहत हो रहा है. अगर जिलाधिकारी को सब ताकत दे देंगे तो आपको पता है कि एक जगह पर जिलाधिकारी ने क्या किया कि उसका असर आने वाली पीढ़ी तक को भुगतना पड़ा. बीजेपी अपनी हताश, निराश और चंद कट्टर समर्थकों के तु्ष्टिकरण के लिए ये कर रही है.


वहीं अब संसद ने वक्फ संशोधन विधेयक पर विचार करने के लिए दोनों सदनों की संयुक्त समिति के गठन की खातिर लोकसभा के 21 और राज्यसभा के 10 सदस्यों को नामित करने की अनुशंसा संबंधी प्रस्ताव को शुक्रवार को मंजूरी दे दी ही.  


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