UP News: संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है, इस सत्र के दौरान सरकार के बैंकिंग संसोधन बिल पर मंगलवार को चर्चा हुई. चर्चा के दौरान समाजवादी पार्टी सांसद राजीव राय ने भी हिस्सा लिया. उन्होंने कहा जब सुधार की बात होती है तो इसमें ये भी बताया जाएगा कि जिन समस्याओं से लोग सबसे ज्यादा ग्रसित हैं इन सब पर भी बातें होंगी.
सपा सांसद ने कहा कि मैं जरूर उम्मीद कर रहा था कि 2000 रुपये के नोट में जो चिप थे वो बता दिया जाएगा कि कहां गए और चिप वाले दो हजार के नोट क्यों गायब हो गए? मैं यह भी उम्मीद कर रहा था कि बैंकिंग लॉ के जरिए यह बता दिया जाएगा कि जो 15 लाख रुपये आ गए वो कब और कैसे बांटे जाएंगे. इस दौरान वह शायराना भी हुए.
सांसद ने कहा, 'इनसे ना उम्मीद करो इस सादगी के साथ, ये दौर अलग है, ये लोग अलग हैं. अगर इस दौर में इनसे वफ़ा ढूँढ रहें हो तो बड़े नादान हो जहर की शीशी में दवा ढूँढ रहे हो.' दरअसल, लोकसभा में मंगलवार को पारित बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 बैंक खाताधारकों को अपने खातों में अधिकतम चार नामांकित व्यक्ति (नॉमिनी) रखने की अनुमति देता है.
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ध्वनि मत से पास हुआ विधायक
इस विधेयक का एक अन्य प्रावधान निदेशक पदों के लिए 'पर्याप्त हित' को नए सिरे से परिभाषित करने से संबंधित है. इससे लगभग छह दशक पहले तय की गई पांच लाख रुपये की मौजूदा सीमा दो करोड़ रुपये तक बढ़ सकती है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए इस विधेयक को संसद के निचले सदन ने ध्वनि मत से मंजूरी दी.
विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए सीतारमण ने कहा कि जमाकर्ताओं के पास क्रमिक या एक ही समय नामांकन सुविधा का विकल्प होगा. वहीं लॉकर सुविधा लेने वाले ग्राहकों के पास केवल क्रमिक नामांकन का ही विकल्प होगा. उन्होंने यह भी कहा कि 2014 से सरकार और आरबीआई बैंकों को स्थिर बनाए रखने के लिए बेहद सतर्क रहे हैं.