किसान आंदोलन को लेकर केंद्र सरकार पर भड़के रामगोपाल यादव, कहा- 'उनकी बातें नहीं सुनी जा रहीं'
Farmers Protest: सपा सांसद ने कहा कि किसान आंदोलन इसलिए कर रहे हैं क्योंकि सरकार के द्वारा उनकी बातें सुनी नहीं जा रही है. उन्होंने कहा कि सरकार को उनकी मांगो को मानना चाहिए.
Farmers Protest: यूपी में नोएडा-ग्रेटर नोएडा में मुआवजे समेत कई मांगों को लेकर किसानों में नाराजगी देखने को मिल रही है. जिसे लेकर किसानों का विरोध प्रदर्शन चल रहा है. किसानों के विरोध प्रदर्शन को लेकर समाजवादी पार्टी के महासचिव राम गोपाल यादव ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि सरकार को किसानों की मांगें माननी चाहिए.
सपा सांसद ने कहा कि किसान आंदोलन इसलिए कर रहे हैं क्योंकि सरकार के द्वारा उनकी बातें सुनी नहीं जा रही है. उन्होंने कहा कि सरकार को उनकी मांगो को मानना चाहिए, उनसे बात करनी चाहिए, उन्हें आंदोलन करने के लिए विवश नहीं करना चाहिए. किसानों का बातें नहीं सुनी जा रही है इसलिए वो आंदोलन कर रहे हैं.
#WATCH | Delhi: On farmers' protest, Samajwadi Party MP Ram Gopal Yadav says, "The government should accept the demands of the farmers and hold talks with them...The farmers are protesting because their demands are not being met" pic.twitter.com/nzkf9ZrYuC
— ANI (@ANI) December 6, 2024
कांग्रेस सांसद ने भी केंद्र सरकार पर साधा निशाना
कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने भी किसान आंदोलन को लेकर केंद्र सरकार पर हमला किया और कहा कि उत्तर प्रदेश के किसान जो अपनी मांग कर रहे हैं, दिल्ली आना चाहते हैं उनकी मांग उचित हैं. उनकी जो जमीन ली गई है उसमें वो मुआवजे के रुप में अपनी हिस्सेदारी चाहते हैं. उनकी ये मांग एकदम सही है. सरकार को उनकी मांगे मान लेनी चाहिए.
उन्होंने दिल्ली बॉर्डर पर किसानों के धरने प्रदर्शन का जिक्र करते हुए कहा कि दिल्ली बॉर्डर पर जहां 700 किसानों की शहादत हुई थी तब किसान नेताओं और सरकार के बीच समझौता हुआ था लेकिन, आज तक न्यूनतम समर्थन मूल्य को संवैधानिक गारंटी नहीं दी गई. ये किसानों के साथ वादाखिलाफी और उनके धोखा है. सरकार ने किसानों के साथ विश्वासघात किया है.
बता दें कि यूपी में नोएडा-ग्रेटर नोएडा और आसपास के किसान ज़मीन के मुआवजे और अपनी अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ पंजाब के किसानों ने भी आज दिल्ली कूच का ऐलान किया है. किसानों का आरोप है कि वो फरवरी महीने से शंभू बॉर्डर पर धरने पर बैठे हैं लेकिन, सरकार ने अब तक उनसे कोई बातचीत नहीं की है और न ही न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी की माँग पर ध्यान दिया है.