सेंगोल हटाने की चिट्ठी पर बढ़ा विवाद तो बदले आरके चौधरी के सुर, कहा- ये मैंने...
UP News: आरके चौधरी यूपी की मोहनलालगंज लोकसभा सीट से सपा के सांसद हैं. उन्होंने राष्ट्रपति के अभिभाषण से पहले प्रोटेम स्पीकर को चिट्ठी लिखकर संसद से सेंगोल हटाने की मांग की थी.
Sengol In Parliament: समाजवादी पार्टी के सांसद आरके चौधरी ने संसद में लगे सेंगोल को हटाने की मांग की है. उन्होंने प्रोटेम स्पीकर को चिट्ठी लिखी थी जिसमें संसद से सेंगोल को हटाकर वहां संविधान की कॉपी लगाए जाने की अपील की है, जिसे लेकर विवाद शुरू हो गया है. सपा सांसद ने इसके पीछे तर्क दिया कि सेंगोल राजतंत्र का प्रतीक है और हमारे देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था है.
आरके चौधरी यूपी की मोहनलालगंज लोकसभा सीट से सपा के सांसद हैं. उन्होंने सेंगोल को हटाने की मांग पर कहा कि ये देश की संसद संविधान से चलेगी. ये लोकतांत्रिक व्यवस्था है और सेंगोल देश में राजतंत्र व्यवस्था का प्रतीक है. यहां राजतंत्र नहीं लोकतंत्र है और लोकतंत्र का जो प्रहरी है वो संविधान है. इसलिए हमने मांग की है सेंगोल को संसद से हटाया जाए. उसे जो सही जगह है वहां रख दिया जाए. इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि ये उनकी व्यक्तिगत राय है.
सेंगोल को हटाने की मांग पर गरमाई सियासत
सेंगोल को लेकर सपा सांसद की मांग के बाद इस पर सियासत भी गरमा गई है. जहां जयंत चौधरी ने इसे बेकार की बहस बताया और कहा कि ये केवल चर्चा में बने रहने के लिए बयान दिया गया है तो वहीं केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि जब सेंगोल को संसद में स्थापित किया गया था तब सपा कहां थीं वहीं गोरखपुर से बीजेपी सांसद ने रवि किशन ने कहा कि वो भगवान राम को बदलना चाहते हैं उन्होंने दूसरे ही दिन अपने सांसद की तुलना भगवान राम से की थी.
सपा सांसद की मांग पर बोले अखिलेश
इस पूरे मामले पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रतिक्रिया दी. उनसे जब सपा सांसद आरके चौधरी के बयान पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि, 'हमारे सांसद इसलिए कह रहे होंगे जब पहली बार लगा था तब प्रधानमंत्री ने बाक़ायदा उसे प्रणाम किया था. इस बार वो भूल गए. इसलिए शायद मेरी पार्टी के सांसद ने इस तरह का पत्र लिखा है. जो राय उस समय थी मैंने ट्वीट किया था, आप मेरी राय निकालकर चलाइए. जब पीएम मोदी ही प्रणाम करना भूल गए तो उनकी इच्छा कुछ और होगी.'
आपको बता दें कि नए संसद भवन के उद्घाटन के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विधिवत तरीके से लोकसभा स्पीकर की कुर्सी के पास सेंगोल को स्थापित किया था. सेंगोल को तमिलनाडु के मंदिर से लाया गया था. सेंगोल चोल साम्राज्य से जुड़ा है, इतिहासकारों के मुताबिक सेंगोल का इस्तेमाल सत्ता हस्तांतरण के लिए किया जाता था.
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