Hijab Ban Verdict: कर्नाटक हिजाब विवाद (Karnataka Hijab Row) मामले पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) गुरुवार को अपना अंतिम फैसला नहीं सुना पाया है. सुप्रीम कोर्ट के दोनों ही जजों की राय इस मामले पर अलग-अलग थी. जिसके बाद मामले को बड़ी बेंच को सौंपने की सिफारिश की गई है. जिसके बाद अब समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) सांसद डॉ शफीकुर्रहमान बर्क (Shafiqur Rahman Barq) ने इस मामले पर विवादित प्रतिक्रिया दी है. 


हिजबा विवाद पर मीडिया ने सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क से पतिक्रिया मांगी तो उन्होंने कहा, "बेपर्दा रहने पर आवारगी बढ़ती है." हालांकि ये पहला मौका नहीं है जब सपा सांसद ने इस तरह का बयान दिया है. इससे पहले उन्होंने हिजाब मामले पर आपत्तिजनक बयान दिया था. तब उन्होंने कहा था, "बच्चियों पर नियंत्रण के लिए हिजाब जरूरी है. इस्लाम कहता है जब बच्ची बड़ी होने लगे, जवान होने लगे तो उसे हिजाब में रहना चाहिए."


पहले भी दिया था विवादित बयान 
सपा सांसद ने यहीं नहीं रूके, उन्होंने कहा था, "इस्लाम के मुताबिक हिजाब इसलिए भी जरूरी है कि बच्चियां कंट्रोल में रहे जिससे हालात भी संभले रहेंगे. हिजाब पहनने से दूसरे लोग उन पर बुरी नजर नहीं डाल सकेंगे." हालांकि अब एक बार वे गुरुवार को अपने बयान को लेकर चर्चा में आ गए हैं. 


बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर 10 दिन सुनवाई की थी. जिसके बाद 22 सितंबर 2022 को फैसला सुरक्षित रख लिया था. तभी से हिजाब मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार किया जा रहा था.  इससे पहले हिजाब मामले को लेकर कर्नाटक हाईकोर्ट ने 11 दिनों की लंबी सुनवाई के बाद अपना फैसला सुनाया था. इस फैसले में साफ किया गया था कि इस्लाम में हिजाब अनिवार्य नहीं है. ये इस्लामिक परंपरा का हिस्सा नहीं है. शैक्षणिक संस्थानों में यूनिफॉर्म पहनना अनिवार्य करना ठीक है.


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