सपा सांसद रहे शफीकुर्रहमान बर्क सुपुर्द-ए-खाक, जुटी हजारों की भीड़, सभी दलों के नेता पहुंचे
सपा सांसद रहे शफीकुर्रहमान बर्क लंबे समय से बीमारियों से जूझ रहे थे और उन्हें मुरादाबाद के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली.
Shafiqur Rahman Burq News:उत्तर प्रदेश के संभल से समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क का मंगलवार को निधन हो गया. बुधवार को उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया गया. इस दौरान हजारों की संख्या में समर्थक मौजूद रहे. सांसद बर्क (93) लंबे समय से उम्र संबंधित बीमारियों से जूझ रहे थे और उन्हें मुरादाबाद के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली.
चार बार विधायक और कई बार सांसद रह चुके डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क 2019 में सपा के चुनाव चिह्न पर पांचवीं बार संभल से सांसद चुने गए. संभल से मिली खबर के अनुसार बर्क का जन्म 11 जुलाई 1930 को उत्तर प्रदेश के संभल में हुआ था. सपा के टिकट पर 2019 में संभल लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर वह सदन पहुंचे थे.
डॉ. बर्क ने तीन बार मुरादाबाद और दो बार संभल लोकसभा सीट से चुनाव जीता था. उनके पौत्र जियाउर्रहमान बर्क वर्तमान में मुरादाबाद की कुंदरकी विधानसभा सीट से सपा के विधायक हैं.
सत्ता विरोधी तीखे बयान के लिए जाने जाते थे बर्क
बर्क वंदेमातरम् को इस्लाम के खिलाफ बताकर चर्चा में आये थे. उन्होंने अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे का बचाव करते हुए इसकी तुलना भारत के अपने स्वतंत्रता संग्राम से भी की थी. वह अपने सत्ता विरोधी तीखे बयान के लिए भी जाने जाते थे.
पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह से राजनीति का ककहरा सीख कर अपनी राजनीतिक पारी शुरू करने वाले बर्क एक मुखर मुस्लिम नेता के रूप में जाने जाते थे. चाहे लोकसभा में वंदेमातरम् का विरोध हो या ‘बाबरी एक्शन कमेटी’ के संयोजक के तौर पर राम मंदिर का मुद्दा, वैश्विक स्तर पर इजरायल तथा फलस्तीन के बीच युद्ध की स्थिति पर वह अपने तीखे राजनीतिक रुख के लिए पहचाने गये.
पीएम मोदी ने दी थी बधाई
वह सबसे उम्रदराज सांसद थे और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी उन्हें उनके लंबे राजनीतिक जीवन और एक सांसद के रूप में लंबी उम्र के लिए बधाई दी थी.
सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव की सरकार के कार्यकाल में डॉ. बर्क को होमगार्ड मंत्री बनाया गया था. बर्क 1974 में भारतीय क्रांति दल से संभल विधानसभा सीट से विधायक बने. इसके बाद वह 1977 में जनता पार्टी, 1985 में लोकदल और 1989 में जनता दल से विधायक बने.
वह 1996 में जनता दल के टिकट पर मुरादाबाद लोकसभा सीट से पहली बार सांसद चुने गए. इसके बाद वह 1998 और 2004 में भी इसी सीट से सांसद चुने गये. साल 2009 में वह संभल सीट से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट पर चौथी बार सांसद बने. साल 2019 में वह बसपा, सपा और राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में जीतकर पांचवीं बार सांसद बने थे.
सपा प्रमुख अखिलेश यादव हाल ही में अस्पताल में भर्ती डॉ. बर्क का हालचाल जानने के लिए मुरादाबाद गये थे. सपा ने आगामी लोकसभा चुनाव 2024 में संभल सीट से डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क को उम्मीदवार घोषित कर एक बार फिर उन पर भरोसा जताया था.