Uttarakhand News: हल्द्वानी अतिक्रमण मामले में निवासियों से मिलेगा सपा का प्रतिनिधिमंडल, पांच हजार परिवारों पर बेघर होने का डर
समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) का प्रतिनिधिमंडल हल्द्वानी जिले के बनभूलपुरा (Banbhoolpura) के निवासियों से मिलने चार जनवरी को जा रहा है. यहां करीब पांच हजार परिवारों पर बेघर होने का डर है.
Haldwani Encroachment News: उत्तराखंड के हल्द्वानी जिले के बनभूलपुरा (Banbhoolpura) के निवासियों ने शहर में रेलवे (Railway) की 29 एकड़ जमीन से अतिक्रमण हटाने संबंधी उच्च न्यायालय के हालिया फैसले के खिलाफ सोमवार को उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) में अपील की है. कांग्रेस (Congress) सचिव काजी निजामुद्दीन ने यहां संवाददाता सम्मेलन में बताया कि हल्द्वानी से कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश के नेतृत्व में क्षेत्र के निवासियों ने उच्च न्यायालय के फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है. वहीं अब समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) का प्रतिनिधिमंडल भी वहां जा रहा है.
लेकिन इसी बीच समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने सपा का प्रतिनिधिमंडल हल्द्वानी भेजने का फैला किया है. चार जनवरी को सपा प्रतिनिधिमंडल हल्द्वानी जाएगा. यहां रेलवे विभाव द्वारा अतिक्रमण के नाम पर 5000 परिवारों के घरों का ध्वस्तीकरण करने की बात चल रही है. अगर ऐसा होता है तो फिर करीब पांच हजरा परिवारों को बेघर होना पड़ेगा. वहीं सपा का प्रतिनिधिमंडल यहां बेघर करने की साजिश की जांच हेतु पीड़ितों से मुलाकात करेगा.
ये नेता है शामिल
सपा प्रतिनिधिमंडल में सांसद एसटी हसन, पूर्व मंत्री और विधायक अताउर हसन, पूर्व सांसद वीरपाल सिंह, सपा नेता एसके राय, पूर्व विधायक अरशद खान, उत्तराखंड के प्रदेश प्रभारी अब्दुल मतीन सिद्दीकी, प्रमुख महासचिव सोएब अहमद सिद्दीकी, प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेश परिहार, पंजाब प्रदेश प्रभारी कुलदीप सिंह भुल्लर और पूर्व विधायक सुल्तान बेग शामिल हैं. ये प्रतिनिधिमंडल चार जनवरी को हल्द्वानी जाएगा.
इसकी जानकारी सपा द्वारा चिट्ठी जारी कर दी गई है. जिसमें लिखा गया है, "हल्द्वानी में रेलवे अतिक्रमण के नाम पर पांच हजार अल्पसंख्यक परिवारों के घरों का ध्वस्तीकरण कर पांच हजार लोगों को बेघर करने की साजिश की जा रही है. इसलिए अखिलेश यादव के निर्देशानुसार प्रतिनिधिमंडल हल्द्वानी स्थित नैनीताल जाएगा." दीगर है कि मामले में अतिक्रमणकारियों को रेलवे नोटिस जारी कर चुका हैं. पूर्वोत्तर रेलवे ने नोटिस जारी करते हुए कहा है कि सात दिन के अंदर जगह खाली कर दें, नहीं तो जबरदस्ती अतिक्रमण हटाएगा. उस पर आने वाला खर्च कब्जेदारों से वसूला जाएगा.