Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव में जीत के बाद समाजवादी पार्टी पूरे उत्साह के साथ मैदान में आ गई है. सपा ने उपचुनाव के साथ ही अगले विधानसभा चुनाव की तैयारी तेज कर दी है. लेकिन इस बीच पार्टी ने अपनी पुरानी रणनीति में कुछ और बदलाव किया है. इस बदलाव के साथ अब पार्टी नया सियासी संदेश देने में जुट गई है. 


सपा ने अब पीडीए की सफलता के बाद इसमें अगड़ों को भी जोड़ने की पहला शुरू कर दी है. इसका संकेत सपा बुलेटिन के जरिए दिया गया है. इस संदेश के जरिए यह बताया गया है कि सपा पिछड़ों के साथ ही अगड़ों को भी प्रतिनिधित्व देगी. इसके लिए सपा ने अपने युवा चेहरों को आगे किया है. अपने बुलेटिन में सपा ने अंग्रेजी में 'यंग माइंड्स ऑन द राइज' यानी उभरते हुए युवा सितारों का जिक्र किया है.


UP Politics: अपना ही रिकॉर्ड तोड़ने के एक कदम दूर BSP, देखें क्या कहता हैं आंकड़े?


इन्हें बनाया चेहरा
सपा ने जिन युवा चेहरों का जिक्र किया है उनमें सांसद इकरा हसन, प्रिया सरोज और पुष्पेंद्र सरोज शामिल हैं. ऐसे में हमेशा से अंग्रेजी का हर स्तर पर विरोध करने वाली सपा के इस कदम को बदलाव के तौर पर देखा जा रहा है. जबकि सपा संस्थापक और अखिलेश यादव के पिता मुलायम सिंह यादव हमेशा अंग्रेजी का विरोध करते थे. उन्होंने संसद में भी इसका जोरदार विरोध किया था. 


वह कई मौकों पर हिंदी जानने वाले सांसदों से संसद में अंग्रेजी में बोलने पर रिएक्शन दे चुके थे. लेकिन अब सपा ने अपनी बुलेटिन यानी मासिक पत्रिका में अखिलेश यादव का संदेश अंग्रेजी में देकर बड़े बदलाव का संदेश दे दिया है. सपा के इस कदम को उसके युवा और उच्च शिक्षित सांसदों के जरिए बल मिल रहा है. 


पार्टी के इस फैसले से पार्टी के बीते दिनों की झलक दिखने लगी है. गौरतलब है कि अखिलेश यादव अब उत्तर प्रदेश के बाहर भी सपा का विस्तार करने की कोशिश में लगे हुए हैं. बीते मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान वह राज्य में काफी सक्रिय रहे थे.