(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
यूपी बोर्ड के सिलेबस से हटा कांग्रेस का इतिहास, सपा नेता ने कहा- बीजेपी सरकार ने की साजिश
यूपी बोर्ड ने अपने पाठ्यक्रम में कटौती की है. नागरिक शास्त्र विषय में जो अध्याय हटाए हैं उनमें से दो पर विवाद खड़ा हो गया हैं. समाजवादी पार्टी के एमएलसी वासुदेव यादव ने कहा है कि बोर्ड ने इस तरह का कदम संघ और बीजेपी के दबाव में उठाया है, जो पूरी तरह गलत है.
प्रयागराज: यूपी बोर्ड की तरफ से बारहवीं क्लास के पाठ्यक्रम से कांग्रेस का इतिहास हटाए जाने का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. इस मुद्दे पर समाजवादी पार्टी भी अब खुलकर कांग्रेस के साथ आ गई है. समाजवादी पार्टी ने इसके विरोध में न सिर्फ गवर्नर को चिट्ठी लिखकर कड़ा एतराज जताया है, बल्कि मामले को 20 अगस्त से शुरू हो रहे विधानसभा के सत्र में भी जोर-शोर से उठाने की बात कही है.
समाजवादी पार्टी के एमएलसी वासुदेव यादव ने कहा है कि बोर्ड ने इस तरह का कदम संघ और बीजेपी के दबाव में उठाया है, जो पूरी तरह गलत है. जिस पार्टी का अपना कोई गौरवशाली इतिहास नहीं है, वह दूसरों के इतिहास को मिटाना चाहता है. वासुदेव यादव का कहना है कि ये बीजेपी सरकार की सियासी साजिश है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उनके मुताबिक सूबे में समाजवादी सरकार की वापसी होने पर कांग्रेस पार्टी से जुड़े अध्याय स्टूडेंट्स को फिर से पढ़ाए जाएंगे.
वहीं, इस पूरे मामले को लेकर यूपी कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता बाबा अभय अवस्थी का कहना है कि बीजेपी राज में सियासी साजिश के तहत इतिहास से जानबूझकर छेड़छाड़ की जा रही है. बीजेपी के पास खुद के बारे में बताने को कुछ भी नहीं है, इसलिए वह कांग्रेस की पहचान को भी खत्म करना चाहती है. दूसरी तरफ इतिहास की प्रोफेसर रहीं बीजेपी सांसद डॉ रीता बहुगुणा जोशी का कहना है कि कांग्रेस आपदा के हर मौके को सियासी अवसर में बदलना चाहती है, इसलिए वो इसे बेवजह का मुद्दा बनाकर विरोध कर रही है. उनका कहना है कि कांग्रेस के बारे में ज्यादातर लोगों को जानकारी है ही, ऐसे में उसके बारे में और अधिक जानने की कोई जरुरत नहीं है.
गौरतलब है कि, यूपी बोर्ड ने कोरोना महामारी के चलते इस साल अपने पाठ्यक्रम में 30 फीसदी की कटौती की है. इंटर यानी बारहवीं की क्लास में नागरिक शास्त्र विषय में जो अध्याय हटाए हैं, उनमें कांग्रेस पार्टी के इतिहास, स्वतंत्रता आंदोलन और आजाद भारत में कांग्रेस की भूमिका से जुड़े दो चैप्टर भी शामिल हैं. इतिहासकार भी सरकार के इस फैसले से सहमत नहीं हैं. उनका कहना है कि स्वतंत्रता आंदोलन, आजाद और प्रगतिशील भारत की नींव रखने में कांग्रेस के योगदान की जानकारी के बिना युवाओं में राष्ट्रवादी सोच कैसे पैदा हो सकती है. अध्यायों को हटाए जाने को लेकर क्या नियम और नीति अपनाई गई, इस पर यूपी बोर्ड कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है.
इलाहाबाद सेंट्रल युनिवर्सिटी के इतिहास विभाग के प्रोफेसर और जाने माने इतिहासकार डॉ हेरम्ब चतुर्वेदी ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण और गलत बताया है. उनका कहना है कि इसके पीछे वजह कुछ भी हो, लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए था. सियासत से अलग हटकर भी कांग्रेस का बड़ा योगदान है. इस योगदान को जानने के बाद ही युवाओं में देश प्रेम की भावना और जागृत होगी.
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