Akhilesh Yadav on Yogi Adityanath: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने हाल में दिए एक इंटरव्यू में कहा कि ये देश मजहब से नहीं संविधान से चलेगा. अगर इस देश में रहना है तो राष्ट्र को सर्वोपरि मानना होगा, जिसे लेकर अब समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने पलटवार किया है. सपा अध्यक्ष ने कहा कि धर्म धमकी नहीं होता है. ये तो इंसान को मानवीय व्यवहार और आपसी सहनशीलता को सिखाने का रास्ता है. उन्होंने कहा कि धर्म लिबास से नहीं बल्कि इंसान के विचारों से प्रकट होता है. 


सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सीएम योगी के बयान पर पलटवार करते हुए अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर जवाब दिया और कहा कि "धर्म जीवन के साथ ही, मानवीय व्यवहार, सामाजिक सहनशीलता, व्यक्तिगत सकारात्मक उत्थान और चतुर्दिक सह अस्तित्व सिखाने का भी मार्ग है. धर्म लिबास से नहीं विचार-आचार से प्रकट होना चाहिए. धर्म धमकी नहीं होता."



दरअसल, सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने इंटरव्यू में कहा था कि "ये देश संविधान से चलेगा. मत और मजहब से नहीं, मैं ईश्वर का भक्त हूं लेकिन किसी पाखंड में विश्वास नहीं करता हूं, आपका मत आपका मजहब अपनी तरीके से अपने घर में होगा, अपनी मस्जिद, अपनी इबादतगाह में होगा. सड़क पर प्रदर्शन करने के लिए नहीं और इसको आप किसी भी अन्य तरीके से दूसरे पर थोप नहीं सकते हैं. नेशन फर्स्ट है. यदि देश में किसी को रहना है तो उसको राष्ट्र को सर्वोपरि मानना होगा. अपने मत और मजहब को नहीं.''


सीएम योगी ने ज्ञानवापी को लेकर भी बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि अगर इसे मस्जिद कहा जाएगा तो फिर विवाद होगा. उन्होंने सवाल किया कि वहां पर त्रिशूल क्या कर रहा है. वहां कई देव प्रतिमाएं हैं, ज्योतिर्लिंग है, दीवारें चीख-चीखकर गवाही दे रही हैं. अगर किसी को भगवान ने दृष्टि दी है तो वो इसे देखे. इसके साथ ही उन्होंने मुस्लिम समुदाय से इसे एतिहासिक भूल मानकर सुधार का प्रस्ताव देने की बात भी कही. 


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