(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
किसान बिल के विरोध में सपा का प्रदर्शन, जिला मुख्यालय पहुंचकर अधिकारियों को दिया ज्ञापन
समाजवादी पार्टी ने किसान बिल के विरोध में शुक्रवार को प्रदेश के सभी जिलों में प्रदर्शन किया. इस दौरान आगरा में सपा कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. सपा महासचिव राम जी लाल सुमन ने कहा कि ये बिल किसान विरोधी है.
आगरा. संसद में किसान बिल पारित होने के बाद विपक्षी पार्टियां लगातार सरकार को घेरने का काम कर रही हैं. इसी के अंतर्गत समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर सपा नेताओं ने जिला मुख्यालय पहुंचकर अधिकारियों को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा.
जिला मुख्यालय पहुंंचकर सपा कार्यकर्ताओं ने अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा
आपको बता दें कि संसद में किसान विधेयक पारित होने के बाद लगातार विपक्ष द्वारा इस विधेयक को किसान विरोधी बताकर हंगामा किया जा रहा है. विपक्षी पार्टियां लगातार इस मुद्दे पर सरकार को घेरती नजर आ रही हैं. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश के अनुसार समाजवादी पार्टी की जिला और महानगर कमेटी ने संयुक्त रूप से किसान विधेयक बिल के खिलाफ जिला मुख्यालय पहुंच अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा. इस दौरान सपा के कार्यकर्ताओं ने जमकर प्रदर्शन और नारेबाजी की.
पूरे प्रदेश में बिल के खिलाफ दिया गया ज्ञापन
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामजी लाल सुमन ने बताया कि समूचे उत्तर प्रदेश में हर जिला मुख्यालय पर किसान विरोधी बिल के विरोध में ज्ञापन दिया जा रहा है, प्रतिपक्ष की अधिकांश पार्टियां इस बिल के विरोध में हैं. सरकार द्वारा इस बिल को लागू करने से पहले किसान संगठनों और किसानों के पास इस बिल की एक कॉपी भेजनी चाहिए थी. इस बिल के पारित होने के बाद जमाखोरी में मुनाफा होगा और यह पूरी तरह से किसान विरोधी है इसलिए समाजवादी पार्टी इसका विरोध कर रही है.
बिल वापस ले सरकार
समाजवादी पार्टी के महानगर अध्यक्ष चौधरी वाजिद निसार ने बताया कि पूरी तरह से किसान विरोधी बिल, सरकार किसानों के मत्थे मढ़ रही है. यह एक अंधा कानून है जो कि संसद के माध्यम से किसानों के खिलाफ पारित हुआ है. इस बिल के पारित होने के बाद किसान अपने ही खेत में बंधुआ मजदूर हो जाएगा. जमाखोर जिस प्रकार से स्टॉक को जमा कर लेते हैं, उसी प्रकार से पूंजीपति किसानों को बंधुआ मजदूर बना लेंगे. समाजवादी पार्टी सड़क से संसद तक इस बिल का विरोध करती है और किसानों के हित की लड़ाई लड़ने के लिए सड़क पर उतरने से भी गुरेज नहीं करेगी. सरकार को शीघ्र अति शीघ्र पारित अंधे कानून बिल को वापस लेना चाहिए.
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