Firozabad Politics: जेल की सलाखों से सत्ता के शिखर तक, राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन का कैसा रहा सियासी सफर
UP News: समाजवादी पार्टी से राज्यसभा सांसद बने रामजीलाल सुमन के जीवन कई उतार-चढ़ाव आएं. वे छात्र जीवन से राजनीति सक्रिय रहे. साल 1977 में पहली बार वह फिरोजाबाद से सांसद बनें.
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Firozabad News: सन 1975 के आपातकाल के बाद देशभर में 1977 में आम चुनाव हुए इस आम चुनाव के दौरान फिरोजाबाद की जनता ने जेल से लौटे 26 साल के छात्र नेता को अपना सांसद चुन लिया. 1975 के आपातकाल के दौरान देश भर के हजारों सत्ता विरोधी नेताओं को जेल भेजा गया, इन्हीं युवा छात्र नेताओं में से एक रामजीलाल सुमन भी रहे.
रामजीलाल सुमन आगरा कॉलेज में विधि की पढ़ाई की. हाथरस छोड़कर आगरा में पढ़ाई करने पहुंचे रामजीलाल सुमन पढ़ाई के साथ-साथ राजनीति में भी दिलचस्पी रही और देश के राजनीतिक हालात पर आगरा के नेताओं के साथ उनका मिलना जुलना और बात करना रहा. आपातकाल के दौर में रामजीलाल सुमन ने छात्र नेता के तौर सामाजिक मुद्दे उठाए तो उन्हें आगरा कॉलेज की हॉस्टल से उठाकर जेल भेज दिया गया. उस समय रामजीलाल सुमन लॉ की पढ़ाई कर रहे थे और उनके दो सेमेस्टर बाकी थे. इसी दौरान छात्र राजनीति में उनकी सक्रियता को देखते हुए उन्हें जेल भेज दिया गया. रामजीलाल सुमन जब जेल से लौटे तो उन्होंने अपनी छूटी हुई पढ़ाई को पूरा करना चाहा लेकिन हालात विपरीत रहे, और उन्हें कॉलेज में पढ़ाई करने से मना कर दिया गया.
1977 में पहली बार सांसद बने रामजी लाल सुमन
कानून की पढ़ाई कर रहे रामजीलाल सुमन को जब कॉलेज में पढ़ाई की अनुमति नहीं मिली तो उन्होंने सक्रिय राजनीति शुरू की और 1977 में जनता पार्टी ने उन्हें फिरोजाबाद लोकसभा से अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया. आपातकाल के बाद देशभर में 1977 में चुनाव हुए और जनता पार्टी के टिकट पर यह छात्र नेता 26 साल की उम्र में जेल से कॉलेज की जगह सीधे चुनावी मैदान में पहुंच गया और फिरोजाबाद की जनता ने इस युवा नेता को जबरदस्त जीत दिलाई और पहली बार देश की सबसे बड़ी पंचायत लोकसभा पहुंचा दिया.
सांसद बनने के बाद रामजीलाल सुमन ने अपनी अधूरी पढ़ाई को पूरा किया और आगरा कॉलेज से लॉ के बाकी दो सेमेस्टर भी पास कर किए लेकिन 26 साल का आया युवा सांसद यही नहीं थमा. 1977 के बाद 1989 में रामजी लाल ने जनता दल के टिकट पर फिरोजाबाद लोकसभा से चुनाव लड़ा और एक बार फिर से संसद पहुंचे. चंद्रशेखर के करीबी रहे रामजीलाल सुमन को 1991 में श्रम कल्याण महिला कल्याण एवं बाल विकास जैसे मंत्रालय का केंद्र में राज्य मंत्री बनाया गया.
सन 1992 सपा के साथ आए रामजीलाल सुमन
1992 में समाजवादी पार्टी के गठन के बाद रामजीलाल सुमन ने मुलायम सिंह यादव का साथ देने का संकल्प लिया और कंधे से कंधा मिलाकर समाजवादी पार्टी के मजबूत और भरोसेमंद सिपाही के तौर पर जुड़ गए. रामजीलाल सुमन 1999 में समाजवादी पार्टी की टिकट पर फिरोजाबाद लोकसभा से चुनाव लड़े और एक बार फिर से फिरोजाबाद की जनता ने उन्हें सदन में भेजा. 2004 में समाजवादी पार्टी ने अपने भरोसेमंद सिपाही पर भरोसा जताते हुए उन्हें एक बार फिर चुनाव लड़वाया और रामजीलाल सुमन को फिर से जीत मिली.
मुलायम सिंह यादव ने अपने इस भरोसेमंद साथी को 1996 में समाजवादी पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बना दिया तब से लेकर अब तक वह लगातार समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव हैं. चार बार जनता के जनादेश से संसद पहुंचे रामजीलाल सुमन को हाल ही में समाजवादी पार्टी ने राज्यसभा भेजा है. रामजीलाल सुमन का जन्म 25 जुलाई 1950 को हाथरस जनपद के बहदोई गांव में हुआ था. उनकी प्राथमिक शिक्षा गांव में हुई. उनकी माध्यमिक शिक्षा हाथरस में और उच्च शिक्षा आगरा कॉलेज आगरा में संपन्न हुई.
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