UP News: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) संस्थापक मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) का निधन 10 अक्टूबर को हुआ था. तब रामपुर (Rampur) के पूर्व विधायक और सपा के दिग्गज नेता आजम खान (Azam Khan) बीमार होने के बाद भी उनके अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे थे. आजम खान को अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और अब्दुल्ला आजम (Abdullah Azam) की सहारा देने वाली तस्वीर भी वायरल हुई थी. हालांकि सपा परिवार से आजम खान के करीबी होने की बात कोई नई नहीं है. लेकिन एक 2009 का किस्सा है जो काफी चर्चा में रहा है.
दरअसल, 2009 में लोकसभा चुनाव हो रहा था. तब मुलायम सिंह यादव के खिलाफ आजम खान ने बगावत कर दी थी. तब मुलायम सिंह यादव ने बीजेपी से अलग हुए और राष्ट्रीय क्रांति पार्टी के प्रमुख कल्याण सिंह से हाथ मिला लिया था. जिसके बाद पार्टी में जमकर इस फैसले का विरोध हुआ था. हालांकि बाद में मुलायम सिंह यादव ने इस मुद्दे पर माफी मांग ली थी.
इस बात पर भी थे नाराज
तब मुलायम सिंह यादव ने कहा था कि कल्याण सिंह के साथ गठबंधन करना मेरी सबसे बड़ी गलती थी. इसके वजह से पार्टी को नुकसान भी हुआ था. हालांकि उसके बाद उन्होंने कल्याण सिंह के साथ अपने रिश्ते खत्म कर लिए. बात यहीं खत्म नहीं होती, आजम खान के पार्टी में रहते ही सपा ने जया प्रदा को रामपुर से लोकसभा का उम्मीदवार बना दिया था.
इन दोनों ही मुद्दों को लेकर आजम खान ने नेताजी के खिलाफ बगावती तेवर दिखाए थे. हालांकि जया प्रदा ने रामपुर लोकसभा सीट पर जीत दर्ज की थी. तब उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार नूर बानो को हराया था. तब आजम खान ने कहा था, "एक रंगीला और एक छलिया व्यक्ति बॉलीवुड से आकर सपा को रकासा की बाजी बना दिया था." सपा नेता के इस बयान की काफी चर्चा हुई थी.