Mayawati Statement on Akhilesh Yadav: बसपा सुप्रीमो मायावती ने खुलासा किया है कि 2019 लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव उनका फोन उठाना भी बंद कर दिया था, जिस पर समाजवादी पार्टी की ओर से तीखी प्रतिक्रिया सामने आई हैं. सपा नेता आईपी सिंह ने मायावती पर झूठ बोलने का आरोप लगाया और कहा कि बसपा ने ही बीजेपी के डर से गठबंधन तोड़ दिया था. 


सपा नेता आईपी सिंह ने मायावती के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि अखिलेश यादव कभी किसी सहयोगी से अपने संबंध खराब नहीं करते हैं. उन्होंने एक्स पर लिखा- 'मायावती जी भगवान बुद्ध जी से डरिये जिस उम्र के पड़ाव पर आप हैं इस उम्र में किसके लिए झूठ बोल रही हैं. माननीय अखिलेश जी तो राजनीति में या व्यक्तिगत जीवन में किसी से सम्बंध नहीं खराब करते न अनर्गल टिप्पणी करते हैं उनके स्वभाव का पूरा देश कायल है.'


सपा नेता ने आगे कहा- 'BJP से डर कर आपने (मायावती) अचानक गठबंधन तोड़ दिया था. फोन न उठाने का एक उदाहरण तो दे दीजिए? अब दोषारोपण करने से कोई लाभ नहीं सत्ता धारी BJP से लड़िये विपक्ष से क्यों उलझना चाहती हैं. अब पछताये का होत है जब चिड़िया चुग गयी खेत. अब आपके वानप्रस्थ की उम्र है आराम करिये.'


मायावती ने लगाया था आरोप
दरअसल बसपा ने हाल ही 59 पेजों की एक बुकलेट जारी की है जिसमें मायावती ने 2019 में सपा से गठबंधन तोड़ने की वजह बताई है. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में बसपा को 10 और सपा को 5 सीटें मिली थी, जिसकी वजह से अखिलेश यादव ने बसपा से संबंध बनाकर रखना तो दूर बसपा के बड़े नेताओं का फोन तक उठाना बंद कर दिया था. मायावती ने कहा कि इसलिए पार्टी स्वाभिमान को बरकरार रखने के लिए उन्होंने सपा से गठबंधन तोड़ने का फैसला लिया था. 


मायावती ने इस बुकलेट में गेस्ट हाउस कांड पर दुख जताया और कहा कि अखिलेश यादव के कहने पर वो बीजेपी को यूपी में रोकने के लिए सपा के साथ आईं थी. उन्होंने अपने समर्थकों से सपा के पीडीए से भी सावधान रहने की अपील की है. 


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