UP Politics: सपा नेता की गिरफ्तारी पर पहली बार बोले सांसद बर्क, कहा- 'फांसी के तख्ते को भी चूमने में संकोच नहीं'
संभल के सपा सांसद नेता डॉक्टर शफीकुर्रहमान बर्क ने पार्टी के सोशल मीडिया प्रभारी मनीष जगत अग्रवाल की गिरफ्तारी को गलत ठहराया है. उन्होंने उसे जल्द से जल्द रिहा करने की मांग की है.
Sambhal News: संभल से (Shafiqur Rahman Barq) ने लखनऊ में समाजवादी पार्टी के सोशल मीडिया प्रभारी मनीष जगत अग्रवाल को गिरफ्तार करने के मामले में अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि आखिर उनका क्या गुनाह था. क्या सिर्फ इसलिए किसी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा कि वह ट्विटर (Tweeter) चलाता है. हमारी पार्टी के नेता के साथ गलत किया गया है. यह कहीं से सही नहीं है. उन्होंने मनीष जगत अग्रवाल (Manish Jagat Aggrawal) को तुरंत रिहा करने की मांग भी की है.
उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व चीफ मिनिस्टर अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) भी इस मामले को लेकर आवाज उठा रहे हैं. उन्होंने भी मनीष जगत अग्रवाल को तुरंत रिहा करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो कोई भी पार्टी आजादी से काम नहीं कर पाएगी. उन्होंने कहा कि यह बात सही है कि सूबे में बीजेपी की सरकार है. क्या इसका मतलब यह है कि केवल बीजेपी (Bjp) ही काम करे और दूसरी पार्टी कोई काम ही नहीं करे. सपा नेता की गिरफ्तारी कानून के भी खिलाफ है. सपा सांसद ने कहा कि सूबे में बीजेपी की सरकार है तो इसका मतलब यह नहीं कि सभी उसी के हिसाब से चलें.
सांसद ने कहा, नफरत बांटने की नहीं हो कोशिश
उन्होंने कहा कि देश में सभी पार्टियां अपना काम करें. अब हुकूमत बीजेपी की है तो इसका मतलब यह नहीं है कि देश में नफरत पैदा करने के लिए हिंदू-मुस्लिम का नारा लगाकर सभी को एक-दूसरे से बांटने की कोशिश की जाए. उन्होंने कहा कि इससे हमारा मुल्क कमजोर हो जाएगा. मुल्क की तरक्की नहीं हो सकेगी और हम कमजोर हो जाएंगे. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा वाले देश को कमजोर करना चाह रहे हैं.
सपा सांसद ने कहा कि एक तरफ चीन हमारे खिलाफ मुंह फैलाए खड़ा है. हम उसकी ओर तो नहीं देख रहे. हां, मुसलमानों की ओर जरूर देख रहे हैं. चीन की जगह मुसलमानों को कमजोर किया जा रहा है. उन्होंने प्रश्न उठाया कि क्या देश की आजादी में मुसलमानों का कोई योगदान नहीं है. क्या मुसलमान देश की किसी मुसीबत में काम नहीं आएगा. उन्होंने कहा कि देश जब अंग्रेजों के कब्जे में था तब सबसे अधिक कुर्बानी मुसलमानों ने दी. अजादी की लड़ाई में मुसलमानों ने सबसे ज्यादा जेल काटी और गोलियां खाईं. आजादी की लड़ाई में मुसलमानों ने सबसे ज्यादा मुसीबतें झेली हैं. फांसी के तख्ते को भी चूमने में संकोच नहीं किया. इसलिए हमें दबाया जाना उचित नहीं है.
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