लखनऊ. उत्तर प्रदेश में विशेष सुरक्षा बल (एसएसएफ) के गठन को लेकर अधिसूचना जारी कर दी गई है. एसएसएफ का मुख्यालय लखनऊ में होगा. डीजीपी के अधीन एडीजी स्तर का अधिकारी यूपी एसएसएफ का चीफ होगा. खास बात है कि एसएसएफ के पास तलाशी लेने, गिरफ्तार करने, हिरासत में लेकर पूछताछ करने के अधिकार होंगे.
सपा का योगी सरकार पर तंज
एसएसएफ को इतने अधिकार दिए जाने पर राजनीति भी शुरू हो गई है. विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) ने इसको लेकर सरकार पर तंज भी कसा है. सपा के ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट किया गया जिसमें सरकार पर निशाना साधा गया है.
सपा ने ट्वीट कर कहा, "SSF नहीं ये धोखा है! सत्ता की ताकत से संवैधानिक अधिकारों के दमन की साज़िश है! यूपी में ठोक दो संस्कृति के तहत अब जिसे चाहे, जब चाहे उठा लो. ना वारंट, ना बेल, ना सबूत, ना सुनवाई. जिस पर सीएम की निगाह टेढ़ी हुई,उसकी शामत आई! मानवाधिकार और संवैधानिक अधिकारों का हनन है ये काला कानून."
यूपी एसएसएफ में होंगे 9919 जवान
यूपी एसएसएफ में 9919 जवान होंगे. जिसकी पांच बटालियन होंगी. यूपी एसएसएफ को वो सारे अधिकार होंगे जो सीआईएसफ को मिले हैं. प्रदेश में यूपी एसएसएफ की 5 बटालियन गठित होंगी लेकिन इसकी शुरुआत पीएसी के जवानों से की जाएगी. आने वाले वक्त में उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड इस स्पेशल फोर्स के लिए भी भर्ती प्रक्रिया शुरू करेगा. एक साल में यूपी एसएसएफ पर 1747 करोड़ का खर्च आएगा.
तलाशी लेने, गिरफ्तार करने का भी होगा अधिकार
सीआईएसएफ की तर्ज पर यूपी एसएसएफ को भी तलाशी लेने, गिरफ्तार करने, हिरासत में लेकर पूछताछ करने के अधिकार होंगे. इतना ही नहीं आने वाले वक्त में यूपी एसएसएफ को थाने का पावर दिया जाएगा जिससे वो कानूनी प्रक्रिया का भी पालन कर सके.
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