UP Politics: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) विधायक शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Singh Yadav) ने मंगलवार को ईद के मौके पर ट्वीट कर बिना नाम लिए अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) पर तंज कसा है. इसपर पर सपा के नेता साफ तौर पर कह रहे हैं कि शिवपाल सिंह यादव ने जो कहा है वह यथार्थ है. जानबूझकर उनका बार-बार अपमान किया गया. तो वहीं बीजेपी (Eid) का साफ तौर पर कहना है कि ईद के शुभ अवसर पर इस तरह का ट्वीट कहीं ना कहीं शिवपाल सिंह यादव की टीस को दिखाती है. इससे साफ पता चलता है कि समाजवादी परिवार में रिश्ते बहुत बुरी स्थिति में पहुंच गए हैं.
क्या बोले सपा प्रवक्ता?
शिवपाल यादव ने ट्वीट करके यह साफ कर दिया है कि अब अखिलेश यादव के साथ उनकी राहें जुदा हो गई हैं. अब सपा के साथ गठबंधन आगे चलने वाला नहीं है. सपा के मुख्य प्रवक्ता दीपक मिश्रा का कहना है कि ये टीस नहीं यथार्थ है. जिस तरह जानबूझकर बार-बार शिवपाल यादव का अपमान किया गया वो ना केवल शिवपाल यादव का बल्कि समाजवादी विचारधारा, समाजवादी विभूतियों का किया गया. वो इस ट्वीट को दर्द की प्रतिध्वनि बता रहे हैं. उनका कहना है कि आज दर्द छलका है और दर्द छलकना भी चाहिये.
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शिवपाल के समर्थन में बोले प्रवक्ता
इतना ही नहीं पार्टी के प्रवक्ता कहते हैं कि सपा की नई पीढ़ी के सभी नेताओं को शिवपाल यादव ने स्थापित किया है. राजनीतिक रूप से, आर्थिक रूप से और जो व्यवहार उनके साथ किया है इतिहास उन्हें माफ नहीं करेगा. दीपक मिश्रा का कहना है कि शिवपाल यादव का जो भी मान अपमान हुआ वह सहते रहे. आज अगर अखिलेश यादव ने शिवपाल यादव की दी गई सूची पर टिकट बांटा होता तो आज सपा के 111 नहीं बल्कि 211 विधायक होते हैं. वो कहते हैं कि यहां बात कार्यालय की नहीं है, बात कुर्सी की नहीं है, बात कालीन की नहीं है बात सिद्धांत की है.
क्या बोले बीजेपी नेता?
वहीं शिवपाल यादव के ट्वीट पर बीजेपी को समाजवादी पार्टी पर तंज करने का मौका मिल गया है. पार्टी के प्रवक्ता कह रहे हैं कि ईद के शुभ अवसर पर अगर इस तरह का ट्वीट शिवपाल यादव कर रहे हैं कि ये उनकी टीस को दिखाता है. उनका साफ तौर पर कहना है कि समाजवादी परिवार में रिश्ते बहुत बुरी स्थिति में पहुंच गए. पार्टी के अंदर क्या कुछ चल रहा है ये उसे बयां कर रहा है. इतना ही नहीं बीजेपी के नेता दावा कर रहे हैं कि 2024 में समाजवादी पार्टी का खाता भी नहीं खुलेगा. साफ तौर पर बीजेपी कह रही है कि इनलोगों में जो तय हुआ होगा लगता है यह लोग आपस में उससे मुकर गए होंगे. परिवार वाली पार्टियों में इसी तरह के झगड़े चलते रहते हैं. इसीलिए बीजेपी का मानना है कि परिवारवाद नहीं होना चाहिए.
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