Lok Sabha Election 2024: उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए दो चरण की वोटिंग हो चुकी है. अब तीसरे चरण के लिए सात मई को वोटिंग होगी. यूपी में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के खिलाफ इंडिया गठबंधन मैदान में है. यूपी में इंडिया गठबंधन के तहत समाजवादी पार्टी सबसे ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ रही है. लेकिन इस बार पार्टी के सामने अपना अंतिम किला बचाना सबसे बड़ी चुनौती होगी.
दरअसल, बीते दो चुनावों के दौरान बीजेपी ने सपा के दो किले कन्नौज और फिरोजाबाद को अपने हाथों में ले लिया है. सपा के इन दोनों ही अभेद्य किले की तोड़ खोज ली है लेकिन अभी भी बीजेपी के पास सपा के अभेद्य किले मैनपुरी का कोई तोड़ नजर नहीं आया है. इस बार पार्टी फिर से नई रणनीति के तहत सपा के उसके गढ़ में चुनौती दे रही है.
दस चुनावों में लगातार जीती है सपा
1996 से 2022 तक मैनपुरी में 10 लोकसभा चुनाव हुए हैं, जिसमें दो उपचुनाव भी शामिल हैं. लेकिन इन सभी दस चुनावों में सपा ने जीत दर्ज की है. 2022 में सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव यहां से सांसद थे. उनके निधन के बाद अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को सपा ने उम्मीदवार बनाया था. इस चुनाव में भी उन्होंने करीब तीन लाख वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी.
हालांकि मुलायम सिंह यादव की अनुपस्थिति में सपा के लिए पहला चुनाव था. लेकिन यादव परिवार ने एकजुट होकर मैनपुरी में बीजेपी का मुकाबला किया और जब रिजल्ट आया तो बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा था. सबसे खास बात है कि 1996 से अब तक यहां दस में से केवल दो चुनावों में ही नजदीकी मुकाबला हुआ है, जब सपा के उम्मीदवार को कड़ टक्कर मिली है.
1996 में जब पहली बार मुलायम सिंह यादव जीत कर संसद पहुंचे थे तो उनके जीत का अंतर बीते 10 चुनावों में सपा के जीत के अंतर में सबसे कम रह गया था. उस चुनाव में नेताजी ने करीब 51 हजार वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी. इसके बाद सबसे कम अंतर 2019 के लोकसभा चुनाव में रहा. तब मुलायम सिंह यादव केवल 94 हजार वोटों के अंतर से जीते थे.