UP News: केन्द्र सरकार ने ‘दानिक्स’ कैडर के ‘ग्रुप-ए’ अधिकारियों के तबादले और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए ‘राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्राधिकरण’ गठित करने के उद्देश्य से शुक्रवार को एक अध्यादेश जारी किया. अब इस अध्यादेश पर आम आदमी पार्टी ने जुबानी हमला बोला है. वहीं AAP को अब समाजवादी पार्टी का साथ मिल गया है.
सपा नेता आईपी सिंह ने कहा, "दिल्ली में चुनी हुई सरकार नहीं पीएम के घर का नौकर मुख्यमंत्री से बड़ा होगा. उसका आदेश सर्वोपरि होगा सुप्रीम कोर्ट के फैसले को अध्यादेश से पलट दिया केंद्र सरकार ने. अच्छा होगा यदि विधानसभा का अस्तित्व ही खत्म कर दे मोदी सरकार. न रहेगा बांस ना बाजेगी बांसुरी."
क्या है अध्यादेश?
गौरतलब है कि अध्यादेश जारी किये जाने से महज एक सप्ताह पहले ही उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी में पुलिस, कानून-व्यवस्था और भूमि को छोड़कर अन्य सभी सेवाओं का नियंत्रण दिल्ली सरकार को सौंप दिया था. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि केन्द्र उच्चतम न्यायालय के फैसले को पलटने के लिए अध्यादेश जारी करने की योजना बना रही है.
अध्यादेश में कहा गया है कि ‘‘राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्रधिकरण नाम का एक प्राधिकरण होगा, जो उसे प्रदान की गई शक्तियों का उपयोग करेगा और उसे सौंपी गई जिम्मेदारियों का निर्वहन करेगा. प्राधिकरण में दिल्ली के मुख्यमंत्री उसके अध्यक्ष होंगे. साथ ही, इसमें मुख्य सचिव और प्रधान सचिव (गृह) सदस्य होंगे. अध्यादेश में कहा गया है, ‘‘प्राधिकरण द्वारा तय किए जाने वाले सभी मुद्दों पर फैसले उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों के बहुमत से होगा. प्राधिकरण की सभी सिफारिशों का सदस्य सचिव सत्यापन करेंगे.’’
अध्यादेश में कहा गया है कि प्राधिकरण उसके अध्यक्ष की मंजूरी से सदस्य सचिव द्वारा तय किए गए समय और स्थान पर बैठक करेंगे. अध्यादेश में कहा गया है, ‘‘प्राधिकरण की सलाह पर केन्द्र सरकार जिम्मेदारियों के निर्वहन हेतु इसके (प्राधिकरण के) लिए आवश्यक अधिकारियों की श्रेणी का निर्धारण करेगी और प्राधिकरण को उपयुक्त अधिकारी और कर्मचारी उपलब्ध कराएगी.’’