UP Bypolls: उत्तर प्रदेश में बीते दिनों भारत निर्वाचन आयोग ने उपचुनाव का एलान किया है. स्वार (Suar) और छानबे (Chhanbey) विधानसभा सीट पर यूपी में उपचुनाव होने वाला है. लेकिन खास तौर पर इस उपचुनाव में सियासी लड़ाई बीजेपी (BJP) और समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) गठबंधन में होना तय माना जा रहा है. लेकिन इससे पहले बीजेपी की एक मजबूरी का सीधा फायदा सपा गठबंधन को मिल सकता है. 


उपचुनाव के एलान के बाद से ही उम्मीदवारों के नाम को लेकर कई कयास लगाए जा रहे हैं. लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा बीजेपी गठबंधन की है. इसके पीछे बीते यूपी विधानसभा चुनाव का तर्क दिया जा रहा है. तब चुनाव में बीजेपी गठबंधन के ओर से स्वार और छानबे विधानसभा सीटों पर अपना दल एस ने उम्मीदवार उतारा था. तब स्वार सीट पर सपा गठबंधन और छानबे विधानसभा सीट पर बीजेपी गठबंधन ने जीत दर्ज की थी. 


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क्या था रिजल्ट?
तब विधानसभा चुनाव में स्वार सीट पर सपा गठबंधन से आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम ने जीत दर्ज की थी. इस सीट पर बीजेपी गठबंधन के अपना दल एस से प्रत्याशी हैदर अली खान को हार का सामना करना पड़ा था. इस चुनाव में अब्दुल्ला आजम को 1,26,162 वोट और हैदर अली खान को 65,059 वोट मिले थे. जबकि छानबे विधानसभा सीट पर सपा गठबंधन से कीर्ति को उम्मीदवार बनाया गया था. लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.


छानबे विधानसभा सीट पर बीजेपी गठबंधन से अपना दल एस के प्रत्याशी राहुल प्रकाश कोल को बनाया गया था. तब छानबे सीट पर राहुल प्रकाश कोल ने 38,113 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी. चुनाव में राहुल कोल को 1,02,502 वोट मिले थे. दूसरी ओर सपा उम्मीदवार कीर्ति को 64,389 वोट मिले थे. अब इसी चुनाव के आधार पर बीजेपी द्वारा सपा के खिलाफ उम्मीदवार नहीं उतारने की बात कही जा रही है. ऐसे में अब बीजेपी की मजबूरी सपा के लिए फायदा पहुंचा सकती है.