UP Budget Session 2023: उत्तर प्रदेश विधानसभा में मंगलवार को विपक्ष के नेता अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने रामचरितमानस (Ramcharitmanas) को लेकर मुख्‍यमंत्री द्वारा सपा पर लगाए गए आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि हम रामचरितमानस के खिलाफ नहीं है. विधानसभा में मंगलवार को वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट पर सामान्य चर्चा के दौरान यादव ने कहा, ''हम रामचरितमानस के खिलाफ नहीं हैं. क्यों प्रचार करते हो आप.''


अखिलेश यादव ने कहा, ''भगवान सबके एक हैं, किसी एक के नहीं हैं. चंदा (राम मंदिर निर्माण के लिए) आप लेते हैं तो क्‍या भगवान आपके हो गये, लेकिन जो गलत है वह गलत है.'' उन्होंने मानस की एक चौपायी में 'ताड़न' शब्द का जिक्र करते हुए कहा कि ''आप किसी एक को खड़ा कर दें कि ताड़न शब्द का क्या अर्थ है. हम भी 10 को खड़ा कर सकते हैं. क्या एक को खड़ा करके ताड़न का मतलब बताएंगे. आप बताइए कि यूपी की स्थिति क्या है.''


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क्या बोले थे सीएम योगी?
सीएम योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को ‘रामचरितमानस’ के बारे में समाजवादी पार्टी के विधान पार्षद स्वामी प्रसाद मौर्य की टिप्पणी और उससे उपजे विवाद को लेकर विधानसभा में आरोप लगाया कि सपा इस पवित्र ग्रंथ को जलाकर 100 करोड़ हिंदुओं को अपमानित कर रही है.’’


आदित्यनाथ ने स्वामी मौर्य द्वारा आपत्तिजनक बतायी जा रही मानस की चौपायी की व्याख्या करते हुए सदन में कहा, ‘‘महोदय यह वही पंक्ति है - ‘‘ढोल, गंवार शूद्र, पसु, नारी. सकल ताड़न के अधिकारी.’’ सीएम योगी ने कहा था कि दरअसल, ढोल एक वाद्य यंत्र है. गंवार का मतलब अशिक्षित से है. शूद्र का मतलब श्रमिक वर्ग से है किसी जाति विशेष से नहीं.'' उन्‍होंने ताड़न का मतलब दो उदाहरणों के साथ देखभाल और देखना बताया.


मंगलवार को इसी मामले पर जातियों को लेकर रामधारी सिंह दिनकर की एक कविता सुनाते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि ''यह लड़ाई आज की नहीं है. यह लड़ाई पांच हजार साल पुरानी है.'' उन्होंने कहा, ''मैंने रामचरितमानस के बारे में नहीं पूछा था. मैंने कहा था कि नेता सदन बताएं कि शूद्र क्या है.'' उन्होंने कहा कि यही शूद्र अगर आपके ढाल नहीं बने तो आप सत्ता में कभी नहीं आ सकते हैं.''