लखनऊ: स्थानीय निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ समाजवादी पार्टी (सपा) जल्द सुप्रीम कोर्ट जाएगी. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ को इसकी जिम्मेदारी दी है.सपा नेता और पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के अध्यक्ष राजपाल कश्यप ने कहा कि उन्हें बीजेपी वालों पर भरोसा नहीं है. उन्होंने कहा कि हम यह मांग लेकर जा रहे हैं कि पिछड़ों, दलितों, आदिवासियों, महिलाओं का जो आरक्षण है उसमें कोई कटौती न हो.पूरे आरक्षण के साथ ही चुनाव कराए जाएं. 


क्या कहना है सपा नेता का


बीजेपी की कथनी और करनी में अंतर है, यह कहते क्या है और करेंगे क्या यह नहीं पता है. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने कहा था कि देश बिकने नहीं देंगे,लेकिन देश की सारी संपत्ति को बेच दीं. बीजेपी ने किसानों की आय 2022 तक दोगुनी करने के लिए कहा था,क्या हो गई? सपा नेता ने कहा कि स्वदेशी की बात करने वाले आज विदेशों को ढूंढ रहे,विदेशी उद्योग ला रहे,विदेशी कंपनियां ला रहे हैं.एक ईस्ट इंडिया कंपनी आई थी, जिसने देश को गुलाम बना दिया था. अब यह फिर से देश को गुलाम बनाने का, शासक बने रहने का तरीका है. 


सपा नेता ने कहा कि पिछड़े-दलितों को इतना कमजोर कर दो कि वो अपने अधिकार ना समझ पाएं. यह चाहते हैं कि पिछड़े-दलित बस पांच किलो अनाज खाकर जीवित रहें और गुलाम बनी रहे यही प्लानिंग है बीजेपी और आरएसएस की. उन्होंने कहा कि हमारी एक ही मांग है कि जो बाबा साहब के बनाए संविधान में आरक्षण है, जो सपा के संघर्ष से मिला उसमें कोई कटौती ना हो जाए.कश्यप ने कहा कि जल्द से जल्द हम लोग सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. इसकी प्रक्रिया चल रही है. तैयारी चल रही है. 


बीजेपी पर लगाए ये आरोप


उन्होंने कहा कि बीजेपी वाले क्या पिछड़ों की बात करेंगे, पिछड़ों की जातीय जनगणना की बात सपा ने कई बार सदन में उठाई. यह मुद्दा जब सुप्रीम कोर्ट गया तो यही बीजेपी हलफनामा देकर आई है कि पिछड़ों की जनगणना नहीं हो सकती,यह पिछड़े विरोधी हैं. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार आज आयोग बना रही है, वो बताए कि पीछे पांच साल किसकी सरकार थी. तब सरकार की नींद क्यों नहीं खुली. उन्होंने कहा कि आज यह सब ढकोसलाबाजी कर रहे हैं. 


सपा नेता ने कहा कि बीजेपी स्थानीय निकाय चुनाव हार रही थी,इसलिए वो चाल चल रहे हैं कि चुनाव आगे बढ़ जाए. उन्होंने कहा कि मैनपुरी में इनकी पूरी सरकार लगी रही फिर भी जनता ने करारा जवाब दिया.उन्होंने कहा कि रामपुर में सरकार ने प्रशासनिक दम पर चुनाव जीता है.उन्होंने कहा कि यह जानते हैं कि उत्तर प्रदेश में पूरी तरह सफाया है, इसीलिए चुनाव से बच रहे और आरक्षण खत्म कर रहे हैं.


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