UP By-Elections 2024: यूपी में जल्द ही दस सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं. तारीखों का ऐलान अभी नहीं हुआ है लेकिन उपचुनाव में जीत हासिल करने की रणनीति लोकसभा चुनाव के नतीजों के साथ ही बनने लग गई थी. जिसे लेकर हर दल अपनी बिसात बिछाने में लगा हुआ है. वहीं कानपुर की सबसे हॉट सीट कही जाने वाली सीसामऊ विधानसभा जिसपर पिछले तीस सालों से सपा का कब्जा बना हुआ था. अब कानूनी पचड़ों में फंसकर उपचुनाव के दायरे में आ गई है. वहीं बीजेपी के बड़े-बड़े दिग्गज इस सीट पर अपना भाग्य आजमाना चाह रहे हैं और ये दावेदारों की संख्या अपनी हाफ सेंच्युरी भी पूरी कर चुकी है.


2014 हो या 2019 जिसे बीजेपी के लिए अमृत काल कहा जा सकता है और इसे मोदी लहर से भी जोड़ा जाता रहा. वहीं विधानसभा चुनाव की भी बात की जाए तो बीजेपी शहर की सीसामऊ को जीतने में नाकाम साबित रही क्योंकि ये सीट पूर्व विधायक हाजी मुश्ताक सोलंकी की बनाई हुई पैठ का नतीजा थी. जिसने सपा को यहां से हारने नहीं दिया जिसके बाद पिता अली विरासत उनके बेटे हाजी इरफान सोलंकी ने संभाली. वह यहां से तीन बार विधायक चुने गए लेकिन आगजनी के एक मुकदमे ने विधायकी और राजनीति को जलाकर खाक कर दिया. अब इस सीट पर उपचुनाव होना है, बीजेपी इस अवसर से चूकना नहीं चाहती है. जिसको लेकर रणनीति तैयार हो चुकी है और कार्यकर्ता से लेकर सभी दिग्गज इस किले को भेजें के लिए मुस्तैद हैं.


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क्या अब बोल रहे कानपुर के BJP जिलाध्यक्ष 
आगे की रणनीति को लेकर कानपुर के जिलाध्यक्ष दीपू पांडे ने बताया कि उपचुनाव की तारीखों के ऐलान का इंतजार हैं. सरकार के कमा से जनता खुश है और इस बार इस सीट पर उपचुनाव के दौरान हमें जीत हासिल होगी. जिलाध्यक्ष ने कहा है कि हमने बूथ स्तर पर कार्यकताओं को एक्टिव कर दिया है और सभी अपने-अपने काम में जुट गए हैं. मुस्लिम बाहुल्य मतदाता वाली इस सीट पर बीजेपी के मुस्लिम कार्यकर्ता काम कर रहे हैं. लोगों को बीजेपी के काम और नीतियों से अवगत कराकर वोट करने की तैयारी भी कर रहे हैं. 


इस सीट पर शहर के कुछ बड़े और छोटे बीजेपी नेताओं ने अपने-अपने आवेदन दावेदारी के लिए जिला इकाई और शीर्ष नेतृत्व को भेजे हैं. कुछ अपनी दावेदारी शीर्ष नेतृत्व के पास पहुंचकर दर्ज करा रहे हैं. कुछ दावेदार फोन पर अपने चुनाव लड़ने और टिकट करने की भी बात कर रहे हैं. ऐसे लगभग 50 से अधिक नए दावेदार इस सीट पर अपना भाग्य आजमाना चाह रहे हैं. चुनाव के दौरान टिकट के लिए इस बात का अभी ध्यान रखा जा रहा है कि किस दावेदार की मुस्लिम पैठ मजबूत है और क्षेत्रीय लोगों के बीच किस नेता को जनता पसंद कर रही है. दावेदार की लोकप्रियता जनता की नजर में, जनता से दावेदार का जुड़ाव और सभी वर्ग के लोगों में उसकी अच्छी पैठ, इन सभी बातों को इस बार ध्यान में रखकर चुनाव की तैयारी की गई है.


इस सीट पर प्रमुख दावेदार कौन
इस सीट पर पूर्व सांसद सत्यदेव पचौरी के परिवार से नीतू सिंह की दावेदारी बताई जा रही हैं. पूर्व विधायक सलिल विश्नोई भी इस दौड़ में हैं और उनकी संघ में अच्छी पकड़ बताई जाती है. कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए विधायक अजय कपूर भी इस सीट से चुनाव लड़ाए जा सकते हैं. इस दावेदारी में कुछ और भी पूर्व विधायकों के नाम शामिल हैं जिनके चुनाव में लड़ने की आशंका जताई जा रही है. साथ ही कुछ पूर्व अध्यक्ष और पदाधिकारियों के भी नाम इस दावेदारी में शामिल हैं.