गोरखपुर: रेलवे अस्पताल के टॉयलेट पर समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने काटा बवाल, सामने आई ये वजह, पढ़ें पूरा मामला
गोरखपुर के रेलवे अस्पताल के टॉयलेट को लेकर समाजवादी पार्टी ने हंगामा कर दिया है. पार्टी कार्यकर्ताओं का कहना है कि यहां जानबूझकर टाइल्स का रंग सपा के झंडे के रंग की तरह रखा गया है. इस प्रकरण को लेकर कार्यकर्ताओं ने जबरदस्त हंगामा किया.
गोरखपुर. गोरखपुर के ललित नारायण मिश्र रेलवे चिकित्सालय के भीतर बने टॉयलेट में समाजवादी पार्टी के झंडे के रंग के टाइल्स लगे होने पर विवाद खड़ा हो गया. सपा ने जहां ट्वीट कर इसे भाजपा की राजनीतिक साजिश बताया है, तो वहीं सपा कार्यकर्ताओं ने पूर्वोत्तर रेलवे के जीएम कार्यालय पर प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा. सपाइयों ने अधिकारियों को 24 घंटे के अंदर टाइल्स को हटाने का अल्टीमेटम दिया है. ऐसा नहीं करने की स्थिति में खुद टाइल्स को तोड़ने और आंदोलन की चेतावनी भी दी है.
बाथरूम में लगे टाइल्स सपा के झंडे के रंग जैसे
गोरखपुर के ललित नारायण मिश्र रेलवे चिकित्सालय के कैंपस के अंदर लगे यूरिनल स्पेस में लाल और हरे रंग के टाइल्स लगे होने पर हंगामा खड़ा हो गया. समाजवादी पार्टी के ट्विटर हैंडल से ट्वीट के बाद भाजपा पर निशाना साधने का सपा को मौका मिल गया. समाजवादी पार्टी के कुछ नेता मौके पर सच्चाई जानने के लिए पहुंचे, तो वहां पर टाइल्स सपा के झंडे के रंग में लगा हुआ मिला. सपा के पूर्व नगर सचिव आफताब अहमद ने मौके पर जायजा लिया और चुनाव को देखते हुए इसे भाजपा की साजिश करार दिया. उन्होंने कहा कि भाजपा समाजवादी पार्टी को बदनाम करने के लिए इस तरह के कृत्य कर रही है.
दूषित सोच रखने वाले सत्ताधीशों द्वारा राजनीतिक द्वेष के चलते गोरखपुर रेलवे अस्पताल में शौचालय की दीवारों को सपा के रंग में रंगना लोकतंत्र को कलंकित करने वाली शर्मनाक घटना! एक प्रमुख राजनीतिक पार्टी के ध्वज के रंगो का अपमान घोर निंदनीय। संज्ञान ले हो कार्रवाई, तत्काल बदला जाए रंग। pic.twitter.com/AE28tJ8Wvo
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) October 29, 2020
जीएम कार्यालय पर सपा का प्रदर्शन
इसके बाद समाजवादी पार्टी के नेताओं ने पूर्वोत्तर रेलवे के जीएम कार्यालय पर पहुंचकर प्रदर्शन किया. सपा के जिलाध्यक्ष रामनगीना साहनी ने कहा कि भाजपा ने समाजवादी पार्टी को बदनाम करने के लिए सपा के झंडे के रंग में टॉयलेट को रंग दिया है. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी इसका विरोध करती है. उन्होंने कहा कि ये द्वेषपूर्ण कार्रवाई है. समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे. राम नगीना साहनी ने कहा कि उन्होंने पूर्वोत्तर रेलवे के अधिकारियों को उन्होंने कायकर्ताओं के साथ ज्ञापन सौंपा है. उन्होंने 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है. टाइल्स को हटाया नहीं गया, तो वे लोग खुद उसे हटा देंगे. उन्होंने कहा कि इसके अलावा सपा आंदोलन को बाध्य होगी.
अधिकारियों ने बताया स्वच्छ भारत मिशन का हिस्सा
पूर्वोत्तर रेलवे के अधिकारियों ने इस मामले पर कोई भी प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया. हालांकि पूर्वोत्तर रेलवे ने ट्विटर हैंडल से सफाई देते हुए इसे स्वच्छ भारत मिशन का हिस्सा बताया. आगे लिखा गया है कि ये टाइल्स बरसों पुरानें हैं. इन टाइल्स को लगाने का उद्देश्य बेहतर साफ-सफाई सुनिश्चित करना है. इसका किसी भी राजनीतिक दल से कोई संबंध नहीं है.
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