'जुबान पर ताले किसने लगाए', 1978 संभल दंगों की फिर से जांच के आदेश पर बोले सपा नेता
Sambhal News: संभल में साल 1978 में हुए दंगे की फिर से होने वाली जांच पर बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा संभल की घटनाओं की जाँच होनी चाहिए. पीड़ितों के परिजनों को अब भी न्याय का इंतजार है.
Sambhal Riot 1978: उत्तर प्रदेश के संभल में 47 साल पहले हुए दंगे की फाइल योगी सरकार से फिर खोलेगी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यूपी गृह विभाग के उप सचिव और मानव अधिकार आयोग के एसपी ने संभल के डीएम एसपी को पत्र भेजकर एक सप्ताह में जानकारी मांगी है. पिछले दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा सत्र के वक्तव्य के दौरान सन 1978 में संभल में हुए दंगे का जिक्र किया था. यूपी में इसे लेकर अब कवायद भी शुरू हो गई है. वहीं सीएम योगी आदित्यनाथ के इस फैसले पर प्रदेश की सियासत भी गरमा गई है. सपा नेताओं ने इस मामले को लेकर सीएम योगी पर जुबानी हमला बोला है.
संभल में जांच के मामले पर समाजवादी पार्टी प्रवक्ता अमीक जामेई ने कहा कि, "1978 जनसंघ के अलायंस मे राम नरेश यादव CM थे, आज की भाजपा से कल्याण सिंह, बिहार गवर्नर आरिफ मुहम्मद खान और सत्यब्रत त्रिपाठी उस हकूमत मे वज़ीर थे." सपा प्रवक्ता ने कहा कि, 1978 में अगर हिंदुओं पर कोई जुल्म हुआ तो भाजपा के नेता क्यों खमोश थे और अभी भी हैं, जुबान पर ताले किसने लगाए? 6 बार भजपा सरकार मे रही किसने जाँच से रोका था? असल मे भाजपा जनसंघ ही तो दंगों मे स्पेशलिस्ट रही है. उत्तर प्रदेश के लोग इतिहास नहीं भूले हैं.
"रोजगार के मुद्दे से युवाओं का ध्यान भटका रही बीजेपी"
संभल में जांच के मामले पर एक और सपा नेता का बयान आया है. समाजवादी पार्टी की प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने कहा कि, "आज पच्चीस, तीस, पैतीस साल का नौजवान रोज़गार चाहता है, जीवन में कुछ करना चाहता है. भाजपा की सरकार प्रदेश के नौजवानों के रोज़गार के मुद्दे से भागना चाहती है, इसलिए 46 साल पुराने संभल दंगे की जाँच की बात कर रही है. जबकि आज का 25,30,35 साल का नवजवान तब पैदा भी नहीं हुआ था. समाजवादी पार्टी वर्तमान पे जनता के सवाल भाजपा से पूछती रहेंगी भाजपा मुद्दों से यू भाग नहीं सकती."
संभल दंगा जांच को लेकर भारतीय जनता पार्टी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी का बयान सामने आया है. बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि, "संभल की घटनाओं की जाँच होनी चाहिए. पीड़ितों के परिजनों को अब भी न्याय का इंतजार है. संभल की खुदाई से इतिहास के कई पन्ने खुले है. निरपराध मासूम लोगों का नरसंहार हुआ, मजहबी तुष्टीकरण में मस्त तत्कालीन सरकारों ने अन्याय किया है."
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