Sambhal News Today: उत्तर प्रदेश के संभल के चंदौसी इलाके में स्थानीय प्रशासन ने प्राचीन मंदिर और बावड़ी खोज निकाली. संभल प्रशासन ने चंदौसी के लक्ष्मण गंज क्षेत्र में शनिवार (21 दिसंबर) को बावड़ी और बांके बिहारी नाम के एक प्राचीन मंदिर की शिनाख्त की.
दावा किया जा रहा है कि संभल के लक्ष्मणगंज में स्थित प्राचीन बांके बिहारी मंदिर में साल 2010 के मई महीने में धर्म विशेष के लोगों ने तोड़फोड़ की थी. यह तोड़फोड़ ऐसी थी जिसके निशान आज 14 साल भी दिख रहे हैं. मंदिर में गौरी पट्टा है लेकिन उस पर स्थापित होने वाला शिवलिंग गायब है.
अराजक तत्वों ने की थी तोड़फोड़
यहां पर जगह- जगह टाइल्स पर बनी भगवान की तस्वीरें टूटी हुई हैं. आरोप है कि 14 साल पहले अराजक तत्वों ने इन तस्वीरों को पत्थरों से तोड़ दिया था. एबीपी न्यूज को मई 2010 में चंदौसी थाने में दर्ज शिकायत की कॉपी भी मौजूद है, जिसमें शिकायतकर्ता कौशल किशोर ने पुलिस को बताया था कि कैसे अराजक तत्वों ने मंदिर में तोड़फोड़ की और मूर्तियों पर पत्थरबाजी करके खंडित कर दिया था.
मामले के शिकायतकर्ता कौशल किशोर से मुलाकात के बाद कई अहम जानकारी मिली. कौशल किशोर ने संबंधित मंदिर 14 साल पहले हुई कथित घटना का जिक्र किया. इस दौरान उन्होंने मंदिर की वे जगहें भी दिखाईं, जहां पर साल 2010 में तोड़फोड़ की गई थी.
प्राचीन मंदिरों की खोज जारी
बता दें, संभल के चंदौसी में खुदाई की जा रही है. इसी खुदाई के दौरान बांके बिहारी मंदिर और बावड़ी मिली है. यह खुदाई कौशल किशोर की शिकायत पर ही की जा रही है. कौशल किशोर ने इसकी शिकायत कुछ दिन पहले संभल के डीएम को पत्र लिखकर की थी.
हालिया दिनों संभल के खग्गू सराय इलाके में स्थित प्राचीन कार्तिकेय महादेव मंदिर मिला था. इसके बाद 46 साल बाद मंदिर के कपाट खोले गए. बीते 14 दिसंबर डीएम और एसपी ने प्राचीन कार्तिकेय महादेव मंदिर का ताला खुलावाया था. इस मंदिर पर अब बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है.
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